Ram Mandir: मुख्य शिखर में भी बनेगी पत्थरों की 29 लेयर, पढ़ें कब तक पूर्ण हो जाएगा इसका निर्माण
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर के निर्माण में पहली परत का काम पूरा हो गया है। मंदिर की नींव की तरह ही मुख्य शिखर में भी 29 परतों में पत्थरों को जोड़ा जाएगा। 101 फीट ऊंचे इस शिखर का निर्माण मंदिर के दूसरे तल की छत पर किया जा रहा है। निर्माण में लगभग चार महीने का समय लगेगा।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर निर्माण में शुक्रवार को पत्थरों की प्रथम परत का कार्य पूर्ण कर लिया गया। मुख्य शिखर के निर्माण में 29 परत (लेयर) में पत्थरों को मंदिर की नींव की भांति ही संयोजित किया जाना है। मंदिर की नींव 44 लेयर में निर्मित की गई थी। मुख्य शिखर का निर्माण नवरात्र के प्रथम दिन तीन अक्टूबर को शुरू कराया गया था। शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इंटरनेट मीडिया पर मुख्य शिखर निर्माण संबंधी कई चित्र प्रेषित किये गये हैं।
रामजन्मभूमि पर निर्मित राम मंदिर का भूतल पहले ही निर्मित हो चुका था। इसके प्रथम व द्वितीय तल का निर्माण भी पिछले दिनों लगभग पूर्ण हो गया है। अब मुख्य शिखर ही बनना है। इसके निर्माण का शुभारंभ तीन अक्टूबर को ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने प्रथम शिला का पूजन कर किया था। 101 फीट ऊंचे मुख्य शिखर का निर्माण मंदिर के द्वितीय तल की छत पर किया जा रहा है।
निर्माण में कितना समय लगेगा?
ऊंचाई अधिक होने के कारण वजनी शिलाएं टावर क्रेन के माध्यम से ऊपर पहुंचाई जा रही हैं। इस कारण इसके निर्माण में लगभग चार महीने यानी 120 दिन का समय लगेगा। शुक्रवार को ट्रस्ट की ओर से इंटरनेट मीडिया में चित्र प्रेषित कर बताया गया है कि मुख्य शिखर के निर्माण में पत्थरों की प्रथम परत का कार्य पूर्ण हो गया है।
निर्माण से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं के अभियंताओं के अनुसार मुख्य शिखर में पत्थरों की 29 लेयर बननी है। इसमें लगभग 32 हजार घन फीट शिलाओं का प्रयोग होगा। ये शिलाएं राजस्थान के भरतपुर के बंशी पहाड़पुर से पहले ही आ चुकी हैं। इस शिखर का आकार शंख की भांति होगा।
नीचे से इसकी परिधि का व्यास अधिक होगा। जैसे-जैसे निर्माण ऊपर पहुंचेगा, परिधि का व्यास घटता चला जाएगा। प्रत्येक लेयर पर लगने वालीं शिलाओं का आकार भिन्न-भिन्न होगा। ये एक फीट से लेकर चार-पांच फीट तक ऊंची शिलाएं हैं। इसके निर्माण में मुख्य कार्यदायी संस्था एलएंडटी के साथ टाटा कंसल्टेंसी, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान सहित अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
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