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राम मंदिर सहित परिसर के उपमंदिरों पर इस वर्ष खर्च होंगे 850 करोड़ रुपये, जून 2025 तक पूरा होगा निर्माण

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में तेजी आई है। प्रथम तल लगभग पूर्ण हो गया है और द्वितीय तल का 50% काम पूरा हो गया है। परिसर में सात ऋषियों-मुनियों और छह देवी-देवताओं के मंदिरों का भी निर्माण हो रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस वित्तीय वर्ष में 850 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रविधान किया है। निर्माण जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

By lavlesh kumar mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 18 Sep 2024 08:04 PM (IST)
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राम मंदिर परिसर । फोटो - जागरण

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। करोड़ों सनातनियों की आस्था के अनुरूप राम मंदिर को आकार प्रदान करने का कार्य निरंतर चल रहा है। राम जन्मभूमि पर निर्मित मंदिर के प्रथम व द्वितीय तल का भी निर्माण द्रुत गति से हो रहा है। प्रथम तल तो लगभग पूर्ण हो चला है, द्वितीय तल का भी 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।

इसी के साथ परिसर में परकोटा सहित सात ऋषियों-मुनियों व छह देवी-देवताओं के मंदिरों को भी आकार प्रदान किया जा रहा है। इन सभी का निर्माण श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्देशन में कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो करा रही है। ट्रस्ट ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 850 करोड़ रुपये विविध मदों में व्यय करने का प्रविधान किया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय की ओर से बीते दिनों सार्वजनिक किए गए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लेखा-जोखा के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में आधारभूत संरचना के विकास व राजस्व मदों में हुए समस्त खर्च को मिला कर मंदिर निर्माण पर 1800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

इस वित्तीय वर्ष में कुल वास्तविक खर्च 776 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 540 करोड़ मंदिर निर्माण पर और 236 करोड़ अन्य मदों में किया गया। इसमें प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर व्यय हुई धनराशि भी समाहित है। ट्रस्ट की ओर से स्वीकृत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के अनुसार एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के मध्य कुल 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

 इसमें 670 करोड़ विभिन्न मंदिरों पर और 180 करोड़ रुपये परिसर में बनने वाले अन्य प्रकल्पों पर व्यय होंगे। बता दें कि परिसर में वर्तमान में 161 फीट ऊंचे राम मंदिर के प्रथम व द्वितीय तल के साथ सप्त मंडपम, छह देवी-देवता के मंदिर, परकोटा आदि का निर्माण चल रहा है, जबकि संग्रहालय, गेस्ट हाउस, सड़कें, पावर प्लांट सहित अन्य प्रकल्पों का निर्माण होना प्रस्तावित है।

इन मंदिरों का हो रहा निर्माण

लगभग 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, गणेश, शिव, सूर्य, हनुमान, अहिल्या, शबरी, निषादराज, तुलसीदास सहित गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, कश्यप, भारद्वाज, अत्रि, यमदग्नि व गौतम के मंदिरों का निर्माण विभिन्न दिशाओं में कराया जा रहा है। इनमें से अधिकांश का नींव का कार्य पूरा हो गया है।

स्तंभों के सहारे दीवार खड़ी की जा रही है। इनके अलावा करीब आठ एकड़ की परिधि में 14 फीट चौड़े और 790 मीटर लंबे परकोटे (चहारदीवारी) का भी निर्माण चल रहा है। इसका भी निर्माण कार्य लगभग 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है। नई तिथि के अनुसार इन समस्त प्रकल्पों का निर्माण जून 2025 तक पूरा किया जाना है।

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