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Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर के समग्र निर्माण में तीन महीने की देरी, सामने आई बड़ी वजह… समिति के अध्यक्ष ने बताया

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम दरबार की मूर्तियों सहित परकोटा के छह देवालयों एवं सप्त ऋषियों के मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियां दिसंबर तक निर्मित हो जाएंगी। निर्माण में विलंब के कारण अब जून 2025 के बजाय तीन माह बाद पूरा होगा। रामजन्मभूमि परिसर में तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 09 Nov 2024 10:04 PM (IST)
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निर्माण समिति के अध्यक्ष ने इस बीच निर्धारित कार्यक्रम के विपरीत निर्माण में विलंब पर स्पष्टीकरण दिया।
संवाद सूत्र, अयोध्या। राम मंदिर के प्रथम तल में स्थापित होने वाली राम दरबार की मूर्तियों सहित परकोटा के छह देवालयों एवं सप्त ऋषियों के मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियां दिसंबर माह तक निर्मित हो जाएंगी। इनका निर्माण जयपुर में हो रहा है। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी। 

वह निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से जानकारी साझा कर रहे थे। एक प्रश्न के उत्तर में मिश्र ने बताया कि निर्माण के बाद इन मूर्तियों की स्थापना रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के संयोजन में होगी और इस दिशा में आगे की योजना न्यास को ही तय करनी है। 

उन्होंने रामलला की उन दो मूर्तियों को भी मंदिर परिसर में श्रद्धा और आदर के साथ समायोजित किए जाने की जानकारी दी, जिनका निर्माण मुख्य गर्भगृह में स्थापित किए जाने के लिए हुआ था। यद्यपि श्रेष्ठतम मूर्ति के चुनाव के चलते ये दोनों मूर्तियां मुख्य गर्भगृह में स्थापित होने के अवसर से वंचित हो गई थीं। 

श्रमिकों की कमी के कारण तीन माह ज्यादा लगेंगे

निर्माण समिति के अध्यक्ष ने इस बीच निर्धारित कार्यक्रम के विपरीत निर्माण में विलंब पर स्पष्टीकरण भी दिया। कहा, इसके पीछे श्रमिकों की कमी रही है, जबकि निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की आपूर्ति निर्बाध गति से होती रही है। इसी के चलते उन्होंने रामजन्मभूमि परिसर का समग्र निर्माण पूर्व से तय जून 2025 तक पूरा किए जाने के विपरीत तीन माह और समय लगने का अनुमान व्यक्त किया।

तीन किलोमीटर लंबे मार्ग से जुड़ेंगे आस्था के प्रकल्प

रामजन्मभूमि परिसर के विभिन्न प्रखंडों एवं आस्था के प्रकल्पों को जोड़ने के लिए मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी द्वारा ही तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाना है। इनमें से एक किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर लिया गया है। शेष निर्माण अगले कुछ महीनों में पूरा किया जाना है। 

परिसर की हरीतिमा सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही अनुबंधित प्रतिष्ठापरक कंपनी जीएमआर भी अपने दायित्व के निर्वहन में लगी है। कुबेर टीला का विकास उसके ही प्रयास का सुफल है। परिसर के कई अन्य प्रकल्पों को भी जीएमआर संवारने में लगी है।

गुनगुनी धूप का भी आनंद ले सकेंगे दर्शनार्थी

राम मंदिर में विराजमान रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालु अब रामजन्मभूमि पथ पर गुनगुनी धूप का आनंद भी ले सकेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत दर्शन पथ पर लगे जर्मन हैंगर खोलवा दिए हैं। ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि ठंड के दिनों में भी श्रद्धालुओं की आवक बनी रहेगी, इसके लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। 

20 नवंबर से रजाई ओढ़ने लगेंगे रामलला अयोध्या

भव्य मंदिर में विराजे रामलला अगहन मास यानी मार्गशीर्ष पंचमी तिथि को 20 नवंबर से रजाई भी ओढ़ाई जाने लगेगी और उनके भोग में शामिल ठंडी सामग्री हटा दी जाएगी। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ठंड बढ़ने के कारण उन्हें रजाई या कंबल ओढ़ाया जाएगा। 

मुख्य अर्चक ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ जैसे मनुष्यों के खान-पान व पहनावे में परिवर्तन होता है, वैसे प्रभु रामलला के भोग व वस्त्रों में भी बदलाव होता है। आम तौर पर अगहन की पंचमी से श्रीविग्रह को रजाई ओढ़ाई जाती है। तभी से भोग से सर्द सामग्री भी हटा दी जाएगी। अधिक ठंड बढ़ने पर ब्लोअर भी लगाया जाता है।

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