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राम मंदिर का परकोटा फंसाएगा पेंच, सबसे अंत में पूरा हो पाएगा निर्माण; अब तक आधा ही बना

राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ परकोटे का निर्माण भी चल रहा है लेकिन मंदिरों के निर्माण में देरी के कारण परकोटे का निर्माण भी प्रभावित हो रहा है। परकोटे के निर्माण में लगभग आठ लाख घन फीट पत्थर लगने हैं और यह जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। फिलहाल परकोटे का निर्माण बस आधा ही हुआ है।

By lavlesh kumar mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 25 Oct 2024 09:48 PM (IST)
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रामजन्मभूमि परिसर में निर्मित कराया जा रहा परकोटा। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, अयोध्या। श्रमिकों की संख्या पर्याप्त होने और मौसम अनुकूल रहने से रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन विभिन्न प्रकल्पों का कार्य द्रुत गति से चल रहा, लेकिन परिसर के चारों ओर निर्मित हो रहे आयताकार परकोटे का निर्माण अपेक्षाकृत शिथिल है। कारण यह है कि इसी परकोटे के मध्य में देवी-देवताओं के छह मंदिरों का निर्माण हो रहा है। जब तक मंदिर नहीं बनेंगे, तब तक परकोटा पूर्ण नहीं हो सकेगा।

ऐसे में निश्चित समयावधि के भीतर परकोटे का निर्माण संभव नहीं प्रतीत हो रहा। राम मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन के उपरांत अपने आराध्य की परिक्रमा भी कर सकें, इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से परकोटे (कारिडोर) का निर्माण कराया जा रहा है। आयताकार परकोटे की कुल लंबाई 790 मीटर है और चौड़ाई 14 फीट है।

इसी के चारों कोण और उत्तरी व दक्षिणी भुजा के मध्य पर देवी-देवताओं के मंदिरों का निर्माण हो रहा है। कार्यदायी संस्था एलएंडटी ने परकोटे का निर्माण तीन माह पूर्व ही शुरू करा दिया था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसका कारण मंदिरों का निर्माण पूरा न हो पाना है। सूत्रों का कहना है कि मंदिर बनने में अभी लगभग डेढ़-दो माह लग सकते हैं। सभी छह मंदिर बन जाने के बाद ही पूरा परकोटा बन सकेगा।

यद्यपि मंदिरों के मध्य के खाली स्थान पर कार्यदायी संस्था परकोटे का थोड़ा-थोड़ा हिस्सा बनवा रही है, लेकिन अब तक 50 प्रतिशत कार्य भी नहीं पूरा हुआ है। निर्माण से जुड़े अभियंताओं का कहना है कि अभी पहली प्राथमिकता राम मंदिर का मुख्य शिखर और सभी उप मंदिरों का समय पर निर्माण है। परकोटे के निर्माण में लगभग आठ लाख घन फीट पत्थर लगने हैं। पत्थर तो पर्याप्त मात्रा में हैं, लेकिन परकोटा अभी प्राथमिकता में नहीं है। मंदिर निर्माण समिति की ओर से नई समयावधि जून 2025 तय की गई है।

परकोटे की परिधि में ही होंगे सभी मंदिर

राम जन्मभूमि परिसर में स्थित राम मंदिर और निर्मित हो रहे सप्तर्षियों व देवी-देवताओं के सभी मंदिर परकोटे के भीतर ही अवस्थित होंगे। राम मंदिर में दर्शन के बाद भक्त अन्य मंदिरों में दर्शन-पूजन करते हुए पूरे परिसर की परिक्रमा भी कर सकेंगे। शास्त्रों में आराध्य की परिक्रमा करने का विशेष महत्व है।

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