Ram Mandir के उद्घाटन से पहले बदल रहा अयोध्या का रंग-रूप, सजने लगे मठ-मंदिर; इस दिन से होंगे रामलला के दर्शन
Ram Mandir प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने रामनगरी के मठ मंदिर व धर्मशालाओं को संवारने की डेडलाइन तय कर दी है। जनवरी में राम मंदिर के लोकार्पण की संभावित तिथि 22 मानी जा रही है। रामनगरी में उससे पहले 37 ऐतिहासिक एवं पौराणिक मठ–मंदिरों आश्रमों भवनों कुंडों आदि पर उनकी प्राचीन वास्तुकला को संजोने-संवारने का कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू है।
By Anand Mohan PandeyEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 05:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने रामनगरी के मठ, मंदिर व धर्मशालाओं को संवारने की डेडलाइन तय कर दी है।
जनवरी में राम मंदिर के लोकार्पण की संभावित तिथि 22 मानी जा रही है। रामनगरी में उससे पहले 37 ऐतिहासिक एवं पौराणिक मठ–मंदिरों आश्रमों, भवनों, कुंडों आदि पर उनकी प्राचीन वास्तुकला को संजोने-संवारने का कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू है।
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फसाड ट्रीटमेंट एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास व निर्माण के लिए 68.80 करोड़ रुपये कार्यदायी संस्था उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम को योगी सरकार ने मंजूर किए हैं। जानकीघाट बड़ास्थान, दशरथ भवन मंदिर, मंगल भवन, अक्षरी मंदिर, राम कचेहरी मंदिर, सियाराम किला, दिगंबर अखाड़ा, तुलसी चौरा मंदिर, भरत किला मंदिर, हनुमान मंदिर, कालेराम मंदिर, नेपाली मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर उसमें शामिल हैं।
मंदिरों की भव्यता हुई शुरू
विश्वकर्मा मंदिर, छोटी देवकाली मंदिर, मौर्य मंदिर, राम गुलेला मंदिर, करतलिया बाबा मंदिर, तिवारी मंदिर, वेद मंदिर, मणिराम दास छावनी मंदिर, बरेली मंदिर, रंग महल मंदिर, टेढ़ीयति महादेव मंदिर, राम पुस्तकालय मंदिर, विद्या देवी मंदिर, देवीकाली कुंड मंदिर, रत्न सिंहासन मंदिर व आश्रम इस सूची में शामिल हैं। भवन एवं आर्ट संरक्षण कार्य के साथ ही पेंटिंग, लाइटिंग अरेस्ट्रो, फसाड ल्यूमिनेशन, विजिटर एमिनिटीज (टायलेट, क्लाक रूम, ड्रिंकिंग वाटर एंड शू रेक), स्ट्रीट फर्नीचर (स्ट्रीट लाइट, बेंच, डस्टबिन, रेलिंग फुटपाथ), सीसीटीवी आदि का कार्य शुरू है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अयोध्या धाम के पौराणिक स्थलों के पुनरुद्धार में उनकी ऐतिहासिक वास्तुकला को संजोते हुए तत्कालीन समय में प्रयुक्त निर्माण सामग्री चूना, सुर्खी आदि से रेनोवेट किया जा रहा है। इनके प्रवेश द्वारों पर चित्रकारी भी की जाएगी एवं आधुनिक फसाड लाइट लगेंगी। पौराणिक स्थलों/मठ-मंदिरों एवं आश्रमों में साइनेज लगा कर उनके पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व एवं मूल्यों को उकेरा जाएगा।
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