Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ram Mandir: ‘हेलो’ नहीं बोलिए ‘जय श्रीराम’, ट्रस्ट की अनूठी पहल… हिंदी-गुजराती समेत कई भाषाओं के विशेषज्ञ काम पर लगे

अतिथियों को फोन करने के बाद यहां से विशेषज्ञ जय श्रीराम के साथ वार्ता का क्रम शुरू करते हैं। अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बताते हैं। वार्ता के क्रम में फोन पर सिर्फ 30 प्रतिशत अतिथियों से बात हो सकी है। यह क्रम दो से तीन दिन तक चलेगा। अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:05 PM (IST)
Hero Image
Ram Mandir: फोन पर ‘हेलो’ की जगह बोल रहे ‘जय श्रीराम’।

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में है। उत्सव में आमंत्रित किए गए अतिथियों से संवाद करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हिंदी, गुजराती, अंग्रेजी सहित कई अन्य भाषाओं के ज्ञाताओं की टीम तैनात की है। 

ईमेल या वॉट्सऐप से मांगा जा रहा विवरण

मंगलवार से अतिथियों से वार्ता का क्रम शुरू हो गया है। सभी से 20 जनवरी को दिन में या फिर 21 जनवरी की सुबह तक हर हाल में पहुंचने का आग्रह किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सभी अतिथियों से उनकी यात्रा का विवरण मांगा जा रहा है। 

अतिथि इसे ईमेल या वॉट्सऐप पर भेजेंगे। इस आधार पर उनकी आवासीय व भोजन व्यवस्था का प्रबंध किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के दिन इन सभी को सुबह 10 बजे ही राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचना होगा।

300-500 अतिथियों से बातचीत करेंगे एक विशेषज्ञ

ट्रस्ट ने उत्तर भारतीय अतिथियों से वार्ता के लिए तकरीबन सात से आठ हिंदी भाषी विशेषज्ञों को तैनात किया है। पूर्वोत्तर और देश के दक्षिणी हिस्से से आमंत्रित अतिथियों से वार्ता के लिए अंग्रेजी भाषा के विशेषज्ञ भी हैं। 

किसी विशेषज्ञ को 300 तो किसी को 500 अतिथियों से बातचीत के लिए सूची दी गई है। इसमें देश के प्रतिष्ठित संत, महंत, खिलाड़ी, फिल्म स्टार, विज्ञानी, लेखक, कवि एवं कलाविद् हैं। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जन्मभूमि परिसर में आठ हजार कुर्सियां लगाई जाएंगी।

जय श्रीराम के अभिवादन से प्रारंभ होता संवाद 

अतिथियों को फोन करने के बाद यहां से विशेषज्ञ जय श्रीराम के साथ वार्ता का क्रम शुरू करते हैं। अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बताते हैं। वार्ता के क्रम में फोन पर सिर्फ 30 प्रतिशत अतिथियों से बात हो सकी है। यह क्रम दो से तीन दिन तक चलेगा।

एक करोड़ रुपये दान देने वाले भी विशेष अतिथि

मंदिर निर्माण में एक करोड़ रुपये से ऊपर का दान देने वालों को भी आमंत्रित किया गया है। इन्हें भी फोन किया गया। सभी को यहां आवासीय व्यवस्था ट्रस्ट उपलब्ध करायेगा। एक आमंत्रण पत्र पर एक ही अतिथि को व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। 21 जनवरी को दोपहर से रामनगरी की सुरक्षा बेहद की सख्त हो जाएगी। 

50 देशों के प्रतिनिधि प्राण प्रतिष्ठा में लेंगे भाग

प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में विदेश के विशिष्टजन भाग लेंगे। इन सभी का स्वागत करने के लिए लखनऊ को बेस कैंप बनाया गया है। इन सभी से समन्वय के लिए संघ की योजना से विदेश में कार्य कर चुके एक पदाधिकारी को लगाया गया है, जो इनके अयोध्या पहुंचने तक की पूरी व्यवस्था। प्राण प्रतिष्ठा समिति में आवास व्यवस्था से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि इसमें 50 देशों से एक-एक प्रतिनिधि यहां आएंगे।

यह भी पढ़ें: Ayodhya: छह दिसंबर को लेकर रामनगरी अयोध्‍या में बढ़ाई गई सतर्कता, थानों को किया गया अलर्ट; सुरक्षा एजेंस‍ियां चौकन्नी

यह भी पढ़ें: भगवान राम से जुड़े पर्वों पर अवकाश घोषित करने की तैयारी में केंद्र सरकार, धर्माचार्यों से निकलवाई जा रही तिथियां