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Ram Mandir: अयोध्या के मुसलमान बोले- राम आएंगे तो हम भी मस्जिद सजाएंगे, हम नमाजी हैं और समाजी भी

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने ही बाबरी मस्जिद की ओर से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी थी। किंतु सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अंसारी का मन मानो मोम हो गया है। वे अपने भीतर का सारा मेल-मवाद पिघलाकर कहते हैं जब न्यायालय ने निर्णय दे दिया कि वह भूमि श्रीराम का जन्मस्थान है तो अब कोई प्रश्न ही नहीं बचता।

By Rajesh Kumar Srivastava Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 17 Jan 2024 10:19 PM (IST)
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अयोध्या के मुसलमानों का कहना है कि राम आएंगे तो हम भी मस्जिद सजाएंगे। (File Photo)

ईश्वर शर्मा, अयोध्या। इन दिनों भारत के होठों पर यदि कोई गीत सर्वप्रिय है, तो वह है अपने लाड़ले रामलला के आह्वान का गीत - राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी, दीप जलाके दिवाली मैं मनाऊंगी। किंतु यह जानकर आप सुखद आश्चर्य में डूब जाएंगे कि अयोध्या के मुसलमान भी अब राममय हो रहे हैं। भले यह विवशता के कारण हो या व्यवस्था के कारण, किंतु सच यही है कि यहां अल्लाह के बंदे भी कह रहे हैं कि राम आएंगे तो हम भी अपनी मस्जिदों को सजाएंगे। दिलचस्प तो यह है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि को जाने वाली सबसे मुख्य सड़क अर्थात रामपथ के समीप बनी मस्जिद को भी रंगरोगन कर सजा दिया गया है। एक अन्य मस्जिद की मीनार पर बल्बों की झालर लगाकर श्रीराम के स्वागत में रोशनी की गई है। कुछ अर्थों में यहां हरा और भगवा का रंगभेद मिट-सा गया है। मानो सभी अब रामरंग में रंग गए हैं।

अयोध्या में जो कुछ भी है, वह रामजी के कारण

दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से बातचीत में लोहे की पेटियां बनाकर बेचने वाले मोहम्मद रिजवान कहते हैं- अयोध्या में जो कुछ भी है, वह रामजी के कारण है और हमारे पास आज जो कुछ भी है, वह अयोध्या के कारण है। इसलिए एक अर्थ में हम भी तो राम के ही हुए। यह कहते हुए वे धर्म-मजहब से संबंधित संकोच को उतार फेंकते हैं। आगे कहते हैं- हम अल्लाह की इबादत करते हैं और हमारे हिंदू भाई भगवान राम की। यह तो अपनी-अपनी इबादत है, इसमें झगड़ा कैसा ?

रामपथ की मस्जिद में नई टाइल्स, नए एसी

अयोध्या की सबसे मुख्य सड़क का नाम है रामपथ। यह सड़क शेष दुनिया को श्रीराम जन्मभूमि से जोड़ती है। इसी सड़क पर बनी है वह मस्जिद, जिसमें अब नई टाइल्स लगाई गई हैं, दीवारों पर नया रंग किया गया है और एयर कंडीशनर भी बदले जा रहे हैं। इस मस्जिद का कुछ हिस्सा भी रामपथ के चौड़ीकरण के कारण टूटा था। उस दीवार को फिर से बनाकर मस्जिद अब तैयार हो गई है और अंदर नमाजी नमाज पढ़ रहे हैं। मस्जिद के अंदर ही योगी आदित्यनाथ सरकार की यूपी पुलिस का एक जवान इंसास राइफल के साथ तैनात है। यह बताता है कि अयोध्या के आनंद में सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।

तौकीर अहमद बोले- हम नमाजी हैं और समाजी भी

अयोध्या के ही निवासी तौकीर अहमद भी रिजवान की बात से ताल्लुक रखते हैं। वे प्रश्न पूछने वाले अंदाज में कहते हैं- अयोध्या में आज करोड़ों-अरबों रुपये के काम हो रहे हैं,तो ये किसके कारण हो रहे हैं ? रामजी के कारण ही ना? तो फिर उनके स्वागत में अयोध्या का हर रहवासी जुटेगा ही। वे गर्व से कहते हैं- मैं नमाजी तो हूं ही, साथ में समाजी भी हूं। समाजी शब्द का अर्थ बताते हुए वे कहते हैं- समाजी मतलब इस समाज का। अयोध्या का मुसलमान भी तो अपने समाज व देश से जुड़ा है। जब पूरा देश श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा से प्रसन्न है, फिर हम तो अयोध्यावासी हैं, हमारी खुशी तो आसमां पर होगी ही। रामपथ नामक सड़क के चौड़ीकरण से उनका वह घर बिल्कुल फ्रंट पर आ गया है, जो पहले काफी पीछे था। अत: अब वे अपने घर के आंगन वाले हिस्से को तोड़कर वहां दुकान बनाने का विचार कर रहे हैं। कहते हैं- भविष्य में यहां देश-विदेश से बहुत ज्यादा श्रद्धालु-पर्यटक आएंगे, तो कारोबार बढ़ेगा ही।

श्रीराम का गुणगान इकबाल अंसारी

अयोध्या का कोई मुसलमान यदि देश-विदेश में सर्वाधिक प्रसिद्ध है, तो वे हैं बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी। अंसारी ने ही बाबरी मस्जिद की ओर से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी थी। किंतु सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अंसारी का मन मानो मोम हो गया है। वे अपने भीतर का सारा मेल-मवाद पिघलाकर कहते हैं, जब न्यायालय ने निर्णय दे दिया कि वह भूमि श्रीराम का जन्मस्थान है, तो अब कोई प्रश्न ही नहीं बचता। मैं अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से प्रसन्न हूं। उस ऐतिहासिक निर्णय के बाद से अयोध्या एकदम बदल सी गई है। यह रामलला की ही तो कृपा है। हम देख रहे हैं कि अयोध्या का यह बदलाव किस तरह यहां के लोगों का जीवन बदल रहा है। जब अयोध्या में रोजगार, कारोबार, पर्यटक और पैसा आएगा, तो यहां के प्रत्येक व्यक्ति को समृद्धि देगा। इस समृद्धि के भागी हम सभी अयोध्यावासी यानी हिंदू, मुसलमान सब बनेंगे। इसलिए हम मुसलमानों के मन में भी श्रीराम के स्वागत का ही भाव है।

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