Ram Mandir: अयोध्या में ही नहीं, यूपी के इन दो शहरों में भी चल रही प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी, होगी तीन शिफ्ट की ड्यूटी
रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के लिए भव्य रूप दिया जा रहा है। हिस्सा लेने आ रहे अतिथियों के आवास भोजन की तो व्यवस्था हो ही रही है। इसके इतर आरएसएस का ध्यान आवागमन की व्यवस्था पर भी है। इसे त्रिस्तरीय फार्मूले से क्रियान्वित करने का प्रयास हो रहा है। आवागमन व्यवस्था के केंद्र में अयोध्या के अलावा काशी और लखनऊ को प्रमुख रूप से रखा गया है।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sun, 17 Dec 2023 11:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के लिए भव्य रूप दिया जा रहा है। इसमें हिस्सा लेने आ रहे अतिथियों के आवास, भोजन की तो व्यवस्था हो ही रही है। इसके इतर आरएसएस का ध्यान आवागमन की व्यवस्था पर भी है। इसे त्रिस्तरीय फार्मूले से क्रियान्वित करने का प्रयास हो रहा है।
आवागमन व्यवस्था के केंद्र में अयोध्या के अलावा काशी और लखनऊ को प्रमुख रूप से रखा गया है। दो स्थलों पर संघ की टोलियां गठित हो रही हैं। 20 दिसंबर को लखनऊ में बड़ी बैठक प्रस्तावित हैं, जिसमें संघ के वरिष्ठ प्रचारक व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल हिस्सा ले सकते हैं।
नित्य समिति की बैठक में हिस्सा लेते हैं चंपत
प्राण प्रतिष्ठा की यातायात समिति में संघ के वरिष्ठ प्रचारक मुकेश खांडेकर, मुकेश वर्मा सहित कुछ अन्य वरिष्ठ प्रचारक सदस्य हैं। तीन स्थलों पर व्यवस्था की निगरानी के लिए टोलियां गठित हो रही हैं। रामनगरी में तो लगभग नित्य समिति की बैठक भी हो रही है, जिसमें ट्रस्ट महासचिव चंपतराय भी हिस्सा लेते हैं।आरएसएस, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व विहिप के कई पदाधिकारियों को उक्त सभी व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा गया है। अतिथियों का सर्वाधिक दबाव लखनऊ पर रहने की संभावना है।
जलपान व आवासीय सुविधा भी
अमौसी एयरपोर्ट के अलावा इस समिति के कार्यकर्ता चारबाग रेलवे स्टेशन पर भी तैनात रहेंगे। इन्हें तीन शिफ्ट के लिए विभाजित किया गया है। ये कार्यकर्ता ही लखनऊ में उतरने वाले संतों, उद्यमियों व अन्य आमंत्रित अतिथियों के रामनगरी तक पहुंचने में सहायता करेंगे। यहां पर जरूरत के अनुरूप जलपान व आवासीय सुविधा भी सुलभ कराई जाएगी।अतिथियों को निर्धारित समय पर लखनऊ से अयोध्या भेजना ही लक्ष्य है। प्रत्येक टोली में आरएसएस के 25-25 स्वयंसेवक होंगे। इसी तरह काशी में सीधे उतरने वाले अतिथियों को रिसीव कर उन्हें अयोध्या भेजने की योजना है। इससे जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि इन स्थलों पर उतरने वाले अतिथियों की पूरी चिंता की जाएगी।
अयोध्या के अलावा, लखनऊ में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता लगाए जा रहे हैं। इसके लिए अयोध्या में कौस्तुभ करमरकर, लखनऊ में धीरेंद्र प्रताप व काशी में डॉ. हरेंद्र राय समन्वय करेंगे।
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