Ram Mandir: जोधपुर में भी होगी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की धूम, विराजेंगे राम; सनातन प्रेमी 22 जनवरी तक करेंगे यज्ञ
संदीपनी महाराज ने शनिवार को रामलला के दर्शन की पहली बेला में ही राममंदिर पहुंच कपिला गाय के दूध से बने घी का एक कलश सौंपा। इसके साथ 108 लघु नर्मदेश्वर शिवलिंग भी मंदिर में पूजन के लिए भेंट किए हैं। शिवलिंग को पूजन के लिए कारसेवकपुरम में सुरक्षित रखा गया है। यहीं पर घी के अन्य कलश भी रखे गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 10 Dec 2023 03:00 AM (IST)
रवि प्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। रामनगरी में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की धूम राजस्थान में भी होगी। जोधपुर के बनाड़ रोड पर संदीपनी राम धर्म गोशाला इस महोत्सव की साक्षी होगी। रामनगरी में 14 जनवरी से महोत्सव का शुभारंभ होगा, उसी तिथि पर जोधपुर में भी यज्ञ आरंभ होगा।
गोशाला के वृदह परिसर में 108 कुंड बनाए जाएंगे, जहां सनातन प्रेमी 22 जनवरी तक नित्य यज्ञ करेंगे। इसके बाद 22 जनवरी को बनाड़ में भी उसी शुभ तिथि पर भगवान राम, चारों भाइयों सहित विराजेंगे, जिस तिथि एवं नक्षत्र में अयोध्या के राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
राममंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से शनिवार को विचार-विमर्श के बाद संत संदीपनी महाराज इस नए संकल्प के साथ राजस्थान के लिए वापस हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि रामदूत श्री हनुमान जी की कृपा से रामकाज को संपन्न कराना उनका सौभाग्य है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में जोधपुर में होने वाला यज्ञ भव्यता का परिचायक होगा।
संदीपनी महाराज के इस संकल्प को ट्रस्ट की उस अपील से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें विश्व भर के रामभक्तों से ट्रस्ट आग्रह कर रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के मध्य अपने गांव-मोहल्ला एवं कालोनियों में स्थित मंदिरों पर एकत्र होकर भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन एवं एलईडी स्क्रीन लगा कर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव समाज को दिखाएं। प्रसाद वितरित करें। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत रामलला के दर्शन के लिए अपने अनुकूल समयानुसार रामनगरी पधारें।
घी के साथ 108 नर्मदेश्वर शिवलिंग भी राममंदिर के लिए सौंपे
संदीपनी महाराज ने शनिवार को रामलला के दर्शन की पहली बेला में ही राममंदिर पहुंच कपिला गाय के दूध से बने घी का एक कलश सौंपा। इसके साथ 108 लघु नर्मदेश्वर शिवलिंग भी मंदिर में पूजन के लिए भेंट किए हैं। शिवलिंग को पूजन के लिए कारसेवकपुरम में सुरक्षित रखा गया है।यहीं पर घी के अन्य कलश भी रखे गए हैं। गत 27 नवंबर को घी से भरे 108 कलश लेकर जोधपुर से संदीपनी महाराज ने यात्रा आरंभ की थी। गत सात दिसंबर को वह अयोध्या पहुंचे और शनिवार को कारसेवकपुरम से राजस्थान के लिए वापसी की।
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