Ram Mandir: सिंहद्वार से प्रवेश करते ही होंगे रामलला के दर्शन, ट्रस्ट के सदस्य ने बताया श्रद्धालुओं को क्या-क्या सुविधा मिलेगी
अयोध्या में राम मंदिर का काम पूरा होने की राह पर है। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का विग्रह इस तरह स्थापित होगा कि सिंहद्वार से प्रवेश करते ही दर्शनार्थियों को रामलला के दर्शन हो सकेंगे। इसके बाद गर्भगृह तक करीब 320 फीट की दूरी तय करते हुए श्रद्धालुओं को रामलला के बराबर दर्शन मिलते रहेंगे। भक्तों को रामलला के सम्मुख कुछ क्षण ठहरने का अवसर मिलेगा।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Mon, 11 Dec 2023 04:45 AM (IST)
जागरण संवाददाता, अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का विग्रह इस तरह स्थापित होगा कि सिंहद्वार से प्रवेश करते ही दर्शनार्थियों को रामलला के दर्शन हो सकेंगे। इसके बाद गर्भगृह तक करीब 320 फीट की दूरी तय करते हुए श्रद्धालुओं को रामलला के बराबर दर्शन मिलते रहेंगे। यद्यपि गर्भगृह के निकट पहुंचकर वह कहीं अधिक स्पष्टता से दर्शन कर सकेंगे और उन्हें रामलला के सम्मुख कुछ क्षण ठहरने का भी अवसर मिलेगा। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने दी।
प्रवेश और निकासी के बारे में बताया
वह रामजन्मभूमि परिसर में ही स्थित एल एंड टी के कार्यालय में हुई राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद मंदिर निर्माण की प्रगति के संबंध में मीडिया को जानकारी दे रहे थे। डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार रामलला के दर्शन के बाद श्रद्धालु बाईं तरफ घूमकर राम मंदिर के दक्षिणी दरवाजे से बाहर परकोटे में निकलेंगे और यहां से वह अपनी सुविधा के अनुरूप 75 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में स्थित कुबेर टीला जैसे दर्शनीय स्थल की ओर रुख कर सकेंगे अथवा परिसर में ही निर्मित यात्री सुविधा केंद्र से अपनी वस्तुएं लेकर वापसी कर सकते हैं।
मूलभूत सुविधाओं से जुड़े काम पूरे कर लिए जाएंगे
बैठक के दूसरे दिन निर्माणाधीन यात्री सुविधा केंद्र के बारे में विस्तार से विचार किया गया। 25 दिसंबर से 25 हजार की क्षमता वाले यात्री सुविधा केंद्र में लाकर लगाने का काम शुरू हो जाएगा और 31 दिसंबर तक सभी लाकर लगने के साथ यात्री सुविधा केंद्र सहित रामलला के विग्रह की स्थापना से लेकर दर्शनार्थियों योग्य सभी निर्माण एवं मूलभूत सुविधाओं से जुड़े काम पूरे कर लिए जाएंगे। यात्री सुविधा केंद्र में श्रद्धालु अपने बैग, जूता-चप्पल आदि ऐसी वस्तुएं सहेज सकते हैं, जिसे लेकर वह दर्शन नहीं कर सकेंगे।
अगले वर्ष तक नए कलेवर में होगा रामकथा संग्रहालय
सरयू तट स्थित जिस रामकथा संग्रहालय को प्रदेश सरकार ने ट्रस्ट को संचालित-विकसित करने के लिए दिया है, वह अगले वर्ष तक नए कलेवर में होगा। रविवार को मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने उन एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ रामकथा संग्रहालय का निरीक्षण किया, जो संग्रहालय संरक्षण व उच्चीकरण में सहायक हो सकती हैं। प्रतिनिधियों से प्रारंभिक बातचीत के बाद ट्रस्ट जल्दी ही तय करेगा कि संग्रहालय को नया कलेवर प्रदान करने के लिए किस एजेंसी को काम दिया जाए। नृपेंद्र मिश्र ने स्पष्ट किया कि हमारी योजना और परिकल्पना के अनुरूप संग्रहालय को नवीन रूप प्रदान करने में एक वर्ष का समय लगेगा।महाराष्ट्र से 300 श्रद्धालुओं का जत्था पैदल जाएगा अयोध्या
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए रविवार को पीएम नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे उन्होंने करोड़ों भारतीयों के सपनों को पूरा किया है। वह अयोध्या के लिए 300 श्रद्धालुओं की पदयात्रा से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्रद्धालुओं का यह जत्था पैदल ही अयोध्या की यात्रा करेगा और 47 दिन के बाद वहां पहुंचेगा।
शिंदे ने कहा कि मैं राम मंदिर के निर्माण के साथ करोड़ों लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे भी अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण चाहते थे।
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