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Ram Mandir के पांचों शिखर कलशों को स्वर्ण मंडित करने की तैयारी, बढ़ेगा मंदिर का सौंदर्य

राम मंदिर के मुख्य शिखर के कलश के साथ अन्य पांचों मंडप के शिखर कलशों को भी स्वर्ण मंडित करने पर मंत्रणा शुरू हो गई है। इससे मंदिर के सौंदर्य में स्वर्णिम और अद्भुत निखार होगा। परिसर में निर्मित होने वाले सभी अन्य मंदिरों के शिखर कलशों को भी स्वर्णिम आकार देने की योजना है। पहले चरण में सिर्फ मुख्य शिखर के कलश को ही स्वर्ण मंडित किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Tue, 12 Nov 2024 04:03 PM (IST)
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राम मंदिर के शिखर कलशों को स्वर्ण मंडित करने की तैयारी चल रही है। (तस्वीर जागरण)
जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर के कलश के साथ ही अन्य पांचों मंडप के शिखर कलशों को भी स्वर्ण मंडित करने पर मंत्रणा प्रारंभ हो गई है। इसके अतिरिक्त परिसर में निर्मित होने वाले सभी अन्य मंदिरों के शिखर कलशों को भी स्वर्णिम आकार देने की योजना है। हालांकि पहले चरण में मंदिर के सिर्फ मुख्य शिखर के कलश को ही स्वर्ण मंडित किया जाएगा, लेकिन आगे इस योजना को भी मूर्तरूप दिया जा सकता है।

कुछ ट्रस्टियों का मत है कि इस पर अंतिम निर्णय तो नहीं हुआ, लेकिन आगे इसकी रूपरेखा तैयार की जा सकती है। इसकी चर्चा चल रही है। ऐसा होने पर मंदिर के सौंदर्य में स्वर्णिम और अद्भुत निखार होगा। इससे शिखरों में एकरूपता होगी। मंदिरों के शिखरों के कलश को स्वर्ण मंडित करने का जिम्मा कपाट पर सोने का कार्य कराने वाली एजेंसी को ही दिया गया है। राम मंदिर में मुख्य शिखर के अलावा पांच अन्य मंडप के शिखर भी निर्मित हैं।

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दरअसल, परकोटे के भीतर भगवान गणेश, हनुमानजी, मां दुर्गा, अन्नपूर्णा, सूर्य व शिव मंदिर बन रहा है, जिनके शिखरों के कलश पर भी सोने की पत्ती चढ़ाने की चर्चा जल्दी ही ट्रस्ट के अधिकृत पटल पर होगी। इसी कतार में शेषावतार मंदिर भी है। इसके अलावा परकोटे के बाहर ऋषि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, शबरी, निषादराज और अहिल्या के मंदिर का निर्माण चल रहा है। इनके शिखर भी सोने जैसी आभा से युक्त किए जा सकते हैं।

हालांकि अभी मुख्य शिखर की पेटी का निर्माण हो रहा है। आठ लेयर निर्मित हो चुकी हैं। 11 लेयर की पेटी बनाई जानी है। इसके बाद शिखर के ऊपरी हिस्से का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने सिर्फ इतना कहा कि जो भी होगा, सामने आएगा। मुख्य शिखर को स्वर्ण मंडित किए जाने का ऑर्डर हो चुका है।

प्रथम तल पर मार्बल की घिसाई अंतिम दौर में

भूतल के बाद प्रथम तल का निर्माण भी पूर्ण हो गया है। फर्श पर लगे श्वेत मार्बल को घिसा जा रहा है। इसके पूर्ण होने के बाद ही यहां कपाट सज्जित किए जाएंगे। कपाट बनकर तैयार हैं।

इसके अलावा राम मंदिर निर्माण में तेजी लाने के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में लगभग 1600 श्रमिक कार्य कर रहे हैं, लेकिन मंदिर के स्तंभों पर मूर्तियों की आइकनोग्राफी के लिए कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो श्रमिकों की आपूर्ति करने वाली एजेंसियों से संपर्क साधेगी। यदि समय रहते श्रमिक नहीं बढ़ाए गए तो कार्य जून 2025 तक पूर्ण नहीं हो पाएगा।

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