Ram Mandir: धीरे-धीरे भव्य रूप ले रहा राम मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा दिन आ रहा नजदीक; मुख्य शिखर का निर्माण होगा अंतिम दौर में
संपूर्ण राम मंदिर की तरह 20 फीट लंबा एवं इतना ही ऊंचा तथा चौड़ा अष्टकोणीय गर्भगृह भी स्वयं में भव्यता का पर्याय है। गर्भगृह का निकटतम गुण मंडप के ऊपर का उप शिखर एवं गर्भगृह के ऊपर मुख्य शिखर का निर्माण अंतिम दौर में प्रस्तावित है। आठ एकड़ के परकोटे में निर्मित हो रहा मंदिर 161 फीट ऊंचे शिखर सहित पांच उप शिखरों से युक्त होगा।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 10 Dec 2023 05:00 AM (IST)
रघुवरशरण, अयोध्या। राम मंदिर भव्यता के विविध सोपान से सज्जित हो रहा है। आगामी 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व अंतिम स्पर्श पाने के साथ यह भव्यता दिन-प्रतिदिन निखरती जा रही है। आठ एकड़ के परकोटे में निर्मित हो रहा मंदिर 161 फीट ऊंचे शिखर सहित पांच उप शिखरों से युक्त होगा।
तीन तल के मंदिर को पूर्णता तो दिसंबर 2024 तक मिलेगी, किंतु प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर के जिस भूतल में रामलला स्थापित होंगे, वह पूरी तरह तैयार है। भूतल का ढांचा तीन माह पूर्व निर्मित किया जा चुका है। अब इसे अंतिम स्पर्श देने का अभियान अंतिम दौर में है। संपूर्ण राम मंदिर की तरह 20 फीट लंबा एवं इतना ही ऊंचा तथा चौड़ा अष्टकोणीय गर्भगृह भी स्वयं में भव्यता का पर्याय है।
मुख्य शिखर का निर्माण अंतिम दौर में प्रस्तावित है
राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण अगले वर्ष के मध्य से प्रारंभ होना है। अब तक पांच उप शिखर में से नृत्य एवं रंग मंडप के ऊपर का उप शिखर आकार ग्रहण कर चुका है। मंदिर की दाहिनी तथा बाईं भुजा पर समानांतर स्थापित भजन एवं कीर्तन मंडप के ऊपर का भी उप शिखर आकार लेने लगा है। गर्भगृह का निकटतम गुण मंडप के ऊपर का उप शिखर एवं गर्भगृह के ऊपर मुख्य शिखर का निर्माण अंतिम दौर में प्रस्तावित है।राम मंदिर में 11 फीट छह इंच ऊंचे, एक मीटर से अधिक व्यास के 392 अष्टकोणीय स्तंभ भी लगने हैं। भूतल के 166 स्तंभ पहले ही स्थापित हो चुके हैं। प्रथम तल के स्तंभ भी यथास्थान लगने लगे हैं। इस तल पर 144 स्तंभ लगने हैं। कुल मिलाकर 292 में से आधे से अधिक तैयार हो चुके हैं। दूसरे तल पर 82 स्तंभों की स्थापना होगी।प्रत्येक स्तंभ पर 16 देवी-देवताओं की मूर्तियां भी उत्कीर्ण की जा रही हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र के अनुसार, मंदिर के आठ सौ मीटर लंबे परकोटे का निर्माण अंतिम दौर में है और 21 दिसंबर तक इसे पूरा भी कर लिया जाएगा।
कमलाकृति आधारपीठ भी तैयार
वह आधारपीठ भी तैयार है, जिस पर रामलला के विग्रह की स्थापना की जाएगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने इंटरनेट मीडिया पर आधारपीठ का चित्र साझा किया। यह संगमरमर से निर्मित कमल के फूल की आकृति में है। ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र के अनुसार शीघ्र ही खगोल विज्ञानी इसकी ऊंचाई समायोजित करेंगे, ताकि निर्धारित योजना के अनुरूप सिंहासन पर स्थापित विग्रह का ललाट प्रत्येक राम जन्मोत्सव के अवसर पर सूर्य की रश्मियों से अभिषिक्त हो सके।
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