Ayodhya: नए मंदिर में रामलला के ठाठ होंगे निराले, हर रोज होंगी 6 आरती; रोजाना होगा गज दर्शन और गोदान परंपरा
Ayodhya Ram Temple रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने देश के चुनिंदा धर्माचार्यों से गहन विचार-विमर्श के बाद रामलला के पूजन-अर्चन की व्यवस्था तय की है। कारसेवकपुरम में हुई रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के दौरान रामलला के पूजन-अर्चन के क्रम में कई अहम सुझाव सामने आए। रामलला का नित्य अभिषेक सरयू जल और पंचामृत से किया जाए।
By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Mon, 04 Sep 2023 01:25 PM (IST)
रमाशरण अवस्थी, अयोध्या : नवनिर्मित मंदिर में स्थापित होने के साथ रामलला के ठाठ निराले होंगे। उन्हें प्रशिक्षित अर्चकों की विशेष टीम नित्य चार-साढ़े चार बजे के बीच ब्रह्ममुहूर्त में वेद मंत्रों के सस्वर पाठ के साथ जगाएगी। आचमन आदि के बाद रामलला को गज दर्शन कराया जाएगा।
इसी क्रम में रामलला के हाथों नित्य गोदान की परंपरा का पालन होगा। 15 से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों के साथ नवनिर्मित मंदिर के रामलला के नित्य पूजन-अर्चन की भी व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।
इसी क्रम में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने देश के चुनिंदा धर्माचार्यों से गहन विचार-विमर्श के बाद रामलला के पूजन-अर्चन की व्यवस्था तय की है। कारसेवकपुरम में हुई रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के दौरान रामलला के पूजन-अर्चन के क्रम में कई अहम सुझाव सामने आए।
इसी क्रम में यह भी बताया गया कि रामलला का नित्य अभिषेक सरयू जल और पंचामृत से किया जाए। सरयू जल लाए जाने के प्रबंध पर भी विचार किया गया।
सुझाव दिया गया कि सरयू जल विशेष वाहन से लाया जाए और जल के प्रति आदर की दृष्टि से उस पर छत्र-चंवर धारी परिचारक भी नियुक्त हों। अभिषेक-स्नान और श्रृंगार के बाद सुबह सात-7:30 बजे के बीच रामलला का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए सुलभ होगा।रामलला के सम्मुख मध्याह्न राजभोग भी विधि-विधान से अर्पित किया जाएगा। भोग के समय गर्भगृह पर्दा से आवृत होगा और सम्मुख गायकों की टोली जेवनार गायन के पदों की प्रस्तुति से रामलला की मनुहार कर रही होगी। यह समय दोपहर 12-12:30 बजे के बीच संभावित होगा। इसके बाद रामलला को शयन कराया जाएगा।
अपराह्न 3:30 से चार बजे के बीच रामलला को गीत-गवनई के साथ जगाया जाएगा और उन्हें उपवन में भ्रमण कराया जाएगा। दिन ढलने के साथ रामलला के दरबार की उत्सव धर्मिता शिखर पर होगी। गायक रामलला के प्रति आस्था निवेदित करेंगे।रामलला को सायंकालीन भोजन प्रस्तुत करने और शयन कराने के लिए नौ से 10 बजे के बीच का समय संभावित है। समझा जाता है कि अगले कुछ दिनों में ट्रस्ट रामलला की दिनचर्या को अंतिम रूप देने के साथ उसे सार्वजनिक भी करेगा।
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