रामलला के सूर्य तिलक का सफल परीक्षण, इस दिन श्रद्धालु देख सकेंगे अद्भुत दृश्य; 5 मिनट तक सूर्य की किरणों से अभिषेक
रामनवमी के दिन मध्य बेला में 12 बजे रामलला का ढाई से पांच मिनट तक सूर्य की किरणों से अभिषेक होगा। इस अवधि में सूर्य की किरणें सीधे रामलला के ललाट पर आपतित (गिरेंगी) होंगी। रश्मियों से मुख मंडल भी आलोकित होगा। इसी समय राम जन्मोत्सव का उल्लास भी प्रस्फुटित होगा। अब 17 अप्रैल को भी इसी तरह रामलला के ललाट पर किरणें पड़ेगी और रामलला का सूर्य तिलक होगा।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामनवमी के दिन मध्य बेला में 12 बजे रामलला का ढाई से पांच मिनट तक सूर्य की किरणों से अभिषेक होगा। इस अवधि में सूर्य की किरणें सीधे रामलला के ललाट पर आपतित (गिरेंगी) होंगी। रश्मियों से मुख मंडल भी आलोकित होगा। इसी समय राम जन्मोत्सव का उल्लास भी प्रस्फुटित होगा। सोमवार को इसका परीक्षण सफल हो गया। इसमें सूर्य की किरणों से आराध्य का तिलक हुआ।
मंदिर की व्यवस्था से जुड़े विहिप नेता गोपाल ने परीक्षण की सफलता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत कुछ दिनों से वैज्ञानिकों का दल उपकरणों को मंदिर में संयोजित कर रहा था। रविवार को भी इसका परीक्षण हुआ था, जिसमें सफलता प्राप्त हुई।
रामलला का होगा सूर्य तिलक
बताया कि अब 17 अप्रैल को भी इसी तरह रामलला के ललाट पर किरणें पड़ेगी और रामलला का सूर्य तिलक होगा। ढाई मिनट तक किरणों की तीव्रता अधिक होगी। कुल पांच मिनट भगवान भास्कर की किरणों से आराध्य का तिलक होता दिखेगा। यह सूर्य तिलक 75 मिमी का होगा। मंदिर निर्माण के समय ही सूर्य की किरणों से आराध्य के अभिषेक की कल्पना हुई।
तैयार की गई है खास पद्धति
प्रबंधन व संयोजन का दायित्व रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को सौंपा गया था। इन सभी ने पद्धति विकसित की। उपकरण तैयार किए। इसमें मिरर, लेंस व पीतल का प्रयोग हुआ है। इसके संचालन के लिए बिजली व बेट्री की भी जरूरत नहीं है। इस प्रोजेक्ट का नाम वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक दिया। प्रत्येक वर्ष रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक होगा।
यह भी पढ़ें: Ayodhya News: आज से स्वर्ण-रजतयुक्त सूती वस्त्र धारण करेंगे रामलला, इस बार कई मायनों में खास होगा हिंदू नववर्ष