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मार्च 2025 तक पूर्ण हो जाएगा राममंदिर का परकोटा, इस कार्य में लगेंगे 200 कारीगर; राममंदिर निर्माण समिति की बैठक में की गई समीक्षा

रामजन्मभूमि परिसर स्थित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के कार्यालय में राममंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र ने पत्रकारों को बैठक से जुड़ी जानकारी दी। डा. अनिल मिश्र ने बताया कि परकोटा में आठ हजार घनफीट पत्थर का प्रयोग होना है। साढ़े चार हजार घन फीट पत्थर राजस्थान के वंशीपहाड़पुर से मंदिर परिसर में लाये जा चुके हैं।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 09 Mar 2024 10:17 PM (IST)
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मार्च 2025 तक पूर्ण हो जाएगा राममंदिर का परकोटा
जागरण संवाददाता, अयोध्या। Ayodhya Ram Mandir: राममंदिर के तीनों तलों सहित शिखर का निर्माण इस वर्ष के अंत तक पूर्ण करने का संकल्प दोहराने के साथ राममंदिर निर्माण समिति ने अगले वर्ष मार्च तक राममंदिर के 850 मीटर लंबे परकोटा का भी निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है।

रामजन्मभूमि परिसर स्थित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के कार्यालय में राममंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र ने पत्रकारों को बैठक से जुड़ी जानकारी दी।

डा. अनिल मिश्र ने बताया कि परकोटा में आठ हजार घनफीट पत्थर का प्रयोग होना है। साढ़े चार हजार घन फीट पत्थर राजस्थान के वंशीपहाड़पुर से मंदिर परिसर में लाये जा चुके हैं। शेष पत्थर जरूरत के हिसब से आते रहेंगे।

इस काम में लगेंगे 200 कारीगर

भूतल का कार्य होने के बाद ही 22 जनवरी को गर्भगृह में रामलला के विग्रह की स्थापना की गयी थी, लेकिन भूतल के 166 स्तंभों में से अभी 70 पर ही देवी-देवताओं, यक्ष-यक्षणियों की मूर्तियां उत्कीर्ण की जा सकी हैं। बाकी स्तंभों पर मूर्तियां उत्कीर्ण कराने का काम शीघ्र शुरू करने की योजना पर विचार किया गया। इस काम में 200 कारीगर लगने हैं और प्रत्येक स्तंभ पर 16-16 मूर्तियां उत्कीर्ण की जानी हैं।

डा. मिश्र ने बताया कि बैठक में राममंदिर सहित संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर के निर्माण कार्य और विभिन्न दर्शनीय प्रखंडों को आपस में जोड़ने वाले संपर्क मार्गों के निर्माण पर भी विचार किया गया। परिसर में सप्त मंडप का निर्माण शुरू होने के एक वर्ष के भीतर पूर्ण होने का अनुमान है।

निर्माण समिति की बैठक में समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, डा. अनिल मिश्र, राममंदिर के मुख्य शिल्पी चंद्रकांतभाई सोमपुरा के प्रतिनिधि एवं कार्यदायी संस्था एलएंडटी तथा टाटा कंसलटेंसी इंजीनियर्स के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

रामनवमी पर सूर्य की रश्मियों से अभिषिक्त होंगे रामलला

भव्य मंदिर निर्माण के साथ सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआइ) के सहयोग से प्रत्येक रामजन्मोत्सव के अवसर पर रामलला का मस्तक सूर्य की रश्मियों से अभिषिक्त कराने की परिकल्पना को साकार कराने का प्रयास किया जा रहा है। प्रयास है कि 17 अप्रैल को रामनवमी पर यह परिकल्पना साकार हो सके। इस बारे में अभी विचार चल रहा है और इस बार नहीं तो अगले वर्ष रामनवमी से यह परिकल्पना निश्चित रूप से साकार किए जाने की कार्ययोजना सुनिश्चित की गयी है।

लगेगी स्टील की बैरीकेडिंग

श्रद्धालुओं की संख्या और सुविधा को ध्यान में रखकर रामजन्मभूमि मार्ग पर आगामी रामजन्मोत्सव से पूर्व स्टील की बैरीकेडिंग लगाए जाने की योजना है। इसमें जगह-जगह आकस्मिक जरूरत के हिसाब से श्रद्धालुओं के बैठने की भी व्यवस्था होगी।

न लाएं प्रतिबंधित सामग्री

र्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वे अपने साथ कोई प्रतिबंधित सामग्री लेकर न आएं। ताकि उसे लाकर में जमा कराने के प्रबंधन और उसमें व्यय होने वाले समय से बचा जा सके और श्रद्धालु फास्ट ट्रैक मार्ग से 25 से 30 मिनट के बीच रामलला का सुगम दर्शन कर सकें।

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