CM Yogi: अब तक 65 बार अयोध्या जा चुके हैं सीएम योगी, फैजाबाद नाम बदलकर 80 माह में बदल दिया पूरा नगर; इतने करोड़ हो चुके खर्च
Ram Mandir News मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी अदित्यनाथ ने दो माह के अंदर ही योगी कैबिनेट ने ‘अयोध्या’ नाम की पुनर्स्थापना कराने के लिए फैजाबाद जिला व मंडल का नाम बदलकर अयोध्या करने का फैसला किया। योगी सरकार ने पिछले साढ़े छह वर्ष में न सिर्फ रात-दिन एक किया लगभग 80 माह में 49 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं से पूरी अयोध्या को बदल दिया।
अजय जायसवाल, अयोध्या। Ram Mandir Pran Pratishtha: धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने के बावजूद पिछली कई शताब्दियों से रामलला की नगरी उपेक्षित-तिरस्कृत ही रही। यह योगी सरकार की संकल्पना की सफल परिणति ही है कि रामलला के अपने भव्य जन्मभूमि मंदिर में विराजने के साथ त्रेतायुगीन वैभव और गौरव के साथ विश्वपटल पर एक बार फिर अवधपुरी विभूषित होती दिख रही है।
ऐतिहासिक समारोह के पहले भव्य-दिव्य-नव्य अयोध्या के सपने को साकार करने के लिए योगी सरकार ने पिछले साढ़े छह वर्ष में न सिर्फ रात-दिन एक किया लगभग 80 माह में 49 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं से पूरी अयोध्या को बदल दिया।
योगी आदित्यनाथ अब तक 65 बार जा चुके हैं अयोध्या
परियोजनाओं को साकार रूप में लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब तक 65 बार अयोध्या जा चुके हैं। सत्ता संभालने के दो माह के अंदर ही नौ मई 2017 को योगी कैबिनेट ने अवधपुरी के चहुमुखी विकास के लिए अयोध्या और फैजाबाद नगर पालिका परिषद को मिलाकर नगर निगम बनाने का अहम निर्णय किया गया।
‘अयोध्या’ नाम की पुनर्स्थापना कराने के लिए 13 नवंबर को फैजाबाद जिला व मंडल का नाम बदलकर अयोध्या करने का फैसला भी किया। अयोध्या को सोलर सिटी, स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के साथ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से लेकर नया बस स्टेशन, मेडिकल कालेज, भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय अयोध्या रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय आदि अब यहां हैं।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मार्ग सहित कई अन्य मार्गों का चौड़ीकरण-सुंदरीकरण बड़े पैमाने पर किया गया है। इसके लिए स्वाभाविक तौर पर ध्वस्तीकरण किया गया है और किया जाना है, लेकिन इससे अयोध्यावासियों में कोई रोष नहीं है। कारसेवकपुरम के निकट परिक्रमा मार्ग पर वर्षों से चाय बेचने वाले हरीश त्रिवेदी कहते हैं कि सड़क चौड़ीकरण में उनकी दुकान भी चली जाएगी लेकिन इसका कोई मलाल नहीं।
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