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School Syllabus : पाठ्यक्रम बदला, पता नहीं चला, 30 हजार विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर

School Syllabus बता दें कि परिवर्तित पाठ्यक्रम अवशेष समय में पढ़ा जा सकता है। हालांकि डा. सिंह साकेत कालेज में प्राध्यापक हैं उन्हीं के सहयोगी शिक्षकों को ही बदलाव की जानकारी नहीं हो सकी। हिंदी के संयोजक डा. शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि यह विसंगति है। विवि से परिवर्तित पाठ्यक्रम को 2025-26 से लागू किए जाने काे कहा गया है।

By Praveen Tiwari Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 05 Oct 2024 10:29 PM (IST)
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नवंबर में परास्नातक पहले सेमेस्टर की परीक्षा प्रस्तावित है।

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। डा. राममनाेहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन का अजीब हाल है। यहां पर कुछ विषयों के पाठ्यक्रम बदल गए, लेकिन न तो शिक्षकों को पता चला और न ही विद्यार्थियों को। अब तक पुराने पाठ्यक्रम से पठन पाठन करते रहे, पर जब विद्यार्थियों ने आनलाइन परीक्षा फार्म भरा तो नए प्रश्नपत्र के बारे में विद्यार्थियों को पता चला। सभी भौचक हैं। इसकी जानकारी शिक्षकों को दी।

कालेज से लेकर विवि तक हायतौबा मच गयी है। विसंगति की परिधि में हिंदी, भूगोल, रसायन व गृह विज्ञान विषय हैं। इनके पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ था। विद्यार्थियों ने बताया कि विवि की वेबसाइट पर पुराना पाठ्यक्रम था। इसी आधार पर कक्षाओं का संचालन हो रहा था। विवि से संबद्ध सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, गोंडा, बहराइच, अमेठी व बाराबंकी व श्रावस्ती के कालेज में पढ़ रहे लगभग 30 हजार विद्यार्थियों का करियर दांव पर है। नवंबर में परास्नातक पहले सेमेस्टर की परीक्षा प्रस्तावित है।

दरअसल नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इस वर्ष चार वर्षीय स्नातक प्रारंभ होना था। इस कोर्स का नाम स्नातक विथ रिसर्च है। इसमें भारतीय परंपरा, ज्ञान आधारित तथ्यों को शामिल करते हुए चार वर्षीय कोर्स का पाठ्यक्रम बना। स्नातक तीन वर्ष का पाठ्यक्रम पहले से बना था, इसीलिए सिर्फ स्नातक चतुर्थ वर्ष का पाठ्यक्रम बना, जिसे विवि प्रशासन ने परास्नातक प्रथम वर्ष में लागू कर दिया। इसमें दो सेमेस्टर हैं।

अधिकांश कालेजों में परास्नातक पहले सेमेस्टर में पुराने पाठ्यक्रम से पढ़ाई हो रही है। जब से इसका परीक्षा फार्म भरा जाने लगा तो इसकी जानकारी सार्वजनिक हुई। इस पर विवि का परीक्षा अनुभाग सक्रिय हुआ। विषय के समन्वयक से संपर्क हो रहा है। रसायन विभाग के संयोजक डा. डीएन सिंह कहते हैं कि पाठ्यक्रम में बदलाव विवि के निर्देश के क्रम में हुआ। बताया कि लगभग 90 प्रतिशत कोर्स नहीं बदला।

परिवर्तित पाठ्यक्रम अवशेष समय में पढ़ा जा सकता है। हालांकि डा. सिंह साकेत कालेज में प्राध्यापक हैं, उन्हीं के सहयोगी शिक्षकों को ही बदलाव की जानकारी नहीं हो सकी। हिंदी के संयोजक डा. शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि यह विसंगति है। विवि से परिवर्तित पाठ्यक्रम को 2025-26 से लागू किए जाने काे कहा गया है। महाविद्यालयों को पाठ्यक्रम के बदलाव की जानकारी नहीं थी, जिस कारण पुराना ही पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा था।

बताया कि कुछ माह पूर्व विवि के निर्देश पर बीए चतुर्थ वर्ष \ एमए प्रथम वर्ष हिंदी का पाठ्यक्रम बना। एकेडमिक काउंसिल से पारित हुआ। बस, नोटिफिकेशन सर्कुलर जारी नहीं हुआ। गृह विज्ञान की संयोजक डा. प्रिया ने बताया कि पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है, लेकिन अब पता चल रहा है कि इसकी जानकारी किसी को नहीं है। उन्होंने बताया कि गृह विज्ञान का पाठ्यक्रम विवि की वेबसाइट पर गत जुलाई में अपलोड हुआ था। भूगोल का भी यही हाल है।

मीडिया प्रभारी डा. विजयेंदु चतुर्वेदी ने बताया कि मामला वैसे तो संज्ञान में नहीं है, लेकिन यदि कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के संज्ञान में आया है, तो निश्चित रूप से जल्द ही इसका समाधान होगा। विषयों के संयोजकों से बातचीत चल रही है।

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