Move to Jagran APP

थाने में पिट रहा था बेटा, देखते ही मां की हुई हालत खराब; फिर SSP तक पहुंच गया मामला

यूपी के अयोध्या में पुलिस ने थाने में एक युवक को पीटा जिससे उसकी मां बेहोश हो गई। आरोप है कि पुलिस ने युवक को पट्टे से पीटा। इस मामले में एसएसपी राजकरन नय्यर ने बताया कि वह थाने पर नहीं थे। उन्हें सूचना दी गई है कि ग्राम प्रधान जियालाल के हस्तक्षेप पर दोनों पक्षों ने सुलह कर ली है।

By Ravi Srivastava Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 11 Oct 2024 08:52 PM (IST)
Hero Image
थाने में बेटे को पिटता देख अचेत हुई मां - प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, तारुन (अयोध्या)। थाने में बेटे को पुलिस से पिटता देख उसकी मां अचेत होकर गिर गई। वहां उपस्थित युवक के पिता ने दूरभाष से इसकी सूचना एसएसपी राजकरन नय्यर को दी, जिसके कुछ देर बाद पुलिस ने युवक को छोड़ दिया। हुसैनपुर में घर पर पूजा कर रहे सूरज को गांव के ही युवक आदर्श और उसके स्वजन ने पहुंच कर अपशब्द कहे।

विरोध करने पर मारपीट शुरू हो गई। सूचना पर पहुंची यूपी 112 पुलिस दोनों पक्षों को पकड़ कर थाने ले आई। आरोप है कि यहां पुलिस ने पट्टे से सूरज की पिटाई शुरू कर दी, जिसे देख कर उसकी मां बेहोश हो गई। थाना प्रभारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि वह थाने पर नहीं थे। इस मामले में उनको सूचना दी गई कि ग्राम प्रधान जियालाल के हस्तक्षेप पर दोनों पक्षों ने सुलह कर ली है।

न्यायालय परिसर में असलहा ले जाने की मंशा को खंगाल रही पुलिस

गोंडा : दीवानी न्यायालय परिसर में सोमवार को आशीष सिंह को प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पुलिस ने धर दबोचा था। अब जांच का विषय ये है कि आखिर आरोपित आशीष सिंह प्रतिबंधित असलहा लेकर न्यायालय परिसर क्यों गया? मेड इन इटली की प्रतिबंधित पिस्टल उसके पास आई कहां से? इसके सप्लायर कौन हैं? ऐसे कई सवाल सुलझाने के लिए पुलिस दहशरे के बाद उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

एक विधायक के करीबी माने जाने वाले आशीष का वर्चस्व सिविल लाइन स्थित शहीदे आजम सरदार भगत सिंह इंका तिराहे पर खूब दिखता था। छोटा दुकानदार हो या बड़ा व्यापारी सभी उससे भय खाते थे। एक माननीय का उस पर हाथ होने की वजह से लोग व पुलिस भी आशीष से कतराती थी। यही नहीं, आशीष पुलिस पर भी रूतबा जमाता था।

उसके पास मेड इन इटली की प्रतिबंधित पिस्टल किसके माध्यम से पहुंची और न्यायालय में असलहा ले जाने के पीछे क्या मंशा थी। पुलिस अब इस पर मंथन कर रही है। प्रतिबंधित बोर असलहा पकड़े जाने के बाद आशीष से माननीय ने पल्ला झाड़ लिया है, लेकिन अंदर ही अंदर आशीष की पैरवी हो रही है। यही कारण है कि पुलिस की चाल भी धीमी है। न रिमांड की बात चल रही है और न ही कड़ाई से पूछताछ की कार्रवाई हो रही है।

शहर में आशीष की गिरफ्तारी को लेकर चर्चा तेज है। चहुंओर बहस है कि दिखावे में कुछ भी हो, लेकिन विधायक व माननीय हस्तक्षेप से उसका कुछ नहीं होने वाला है। पुलिस कोरम पूरा करेगी। एक तरफ दीवानी न्यायालय परिसर के अंदर पैदल व साइकिल से जाने वाले वादकारी/पक्षकारों का मुख्यद्वार पर ही पुलिस चेकिंग करने का कोरम पूरा करती है। सवाल यह है कि प्रतिबंधित बोर का असलहा लेकर आशीष न्यायालय परिसर में कैसे पहुंच गया। यह भी चर्चा तेज है कि इसी तरह कचहरी व न्यायालय परिसर में हत्याएं हो जाती हैं।

न्यायालय परिसर में असलहा लेकर जाने के मामले में आरोपित आशीष सिंह को जेल भेज दिया गया है। असलहा कहां से मिला, वह न्यायालय परिसर में क्या करने गया था। विवेचक को इन सभी बिंदुओं को शामिल कर विवेचना करने का निर्देश दिया गया है। - विनीत जायसवाल, एसपी

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें