Ram Mandir: रामकथा कहेगा दो किलोमीटर लंबा रामनगरी का धर्म पथ, लोक निर्माण विभाग ने शुरू किया काम
लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-27) पर साकेत पेट्रोल पंप से लेकर लता मंगेशकर चौक तक के मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है। दो किलोमीटर लंबा यह रास्ता भविष्य में हाईवे से रामजन्मभूमि को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग होगा। इसे दृष्टिगत रखते हुए मार्ग को सजाया-संवारा जा रहा है। धर्म पथ पर रघुवंशियों के आराध्य भगवान सूर्य का प्रतिनिधित्व करते सूर्य स्तंभ होंगे जिनकी संख्या 40 है।
रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। रामनगरी का धर्म पथ राम की जीवन गाथा कहेगा। इससे होकर आवागमन करने वालों को रामनगरी में होने का आभास कराने के लिए कदम-कदम पर रामायण के प्रसंग दिखाई देंगे, ताकि इस मार्ग से होते हुए रामनगरी पहुंचने वाले रामकथा से अवगत होते हुए अपनी धार्मिक यात्रा पूर्ण करें।
धर्म पथ पर रामचरितमानस के सातों अध्याय से संबंधित कथाओं का प्रस्तुतीकरण म्यूरल आर्ट से होगा। इसके लिए धर्म पथ पर 30-30 मीटर की दूरी पर दीवारों का निर्माण कराया जा रहा है। म्यूरल आर्ट में दक्ष कलाकार दीवारों पर प्रसंगों को उकेरेंगे। अयोध्या विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग मिलकर इस योजना को मूर्त रूप प्रदान कर रहा है।
इस मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया
लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-27) पर साकेत पेट्रोल पंप से लेकर लता मंगेशकर चौक तक के मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है। दो किलोमीटर लंबा यह रास्ता भविष्य में हाईवे से रामजन्मभूमि को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग होगा। इसे दृष्टिगत रखते हुए मार्ग को सजाया-संवारा जा रहा है।
धर्म पथ पर रघुवंशियों के आराध्य भगवान सूर्य का प्रतिनिधित्व करते सूर्य स्तंभ होंगे, जिनकी संख्या 40 है। सूर्य स्तंभ को लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मार्ग का आकर्षण और बढ़ाने के लिए लोक निर्माण विभाग नौ मीटर लंबी तथा चार मीटर ऊंची 85 दीवारों का निर्माण करा रहा है, जिन पर रामकथा का चित्रण होगा। दीवारें 30-30 मीटर की दूरी पर बन रही हैं।
फूलों से सजावट लोक निर्माण विभाग कराएगा
दीवारों का निर्माण एवं उनकी फूलों से सजावट लोक निर्माण विभाग कराएगा। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसपी भारतीय की निगरानी में सहायक अभियंता एपी सिंह दीवार एवं सूर्य स्तंभ का निर्माण करा रहे हैं। म्यूरल आर्ट एवं लाइटिंग विकास प्राधिकरण कराएगा। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व यह कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
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अब जर्मनी के म्यूजियम की शोभा बढ़ाएंगी महर्षि वाल्मीकि की चरण पादुका
मध्य प्रदेश में उज्जैन के श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम में रखी महर्षि वाल्मीकि की चरण पादुका अब जर्मनी के म्यूजियम की शोभा बढ़ाएंगी। वहां के म्यूजियम में विश्वभर के भक्त पादुका के दर्शन कर सकेंगे। वाल्मीकि धाम में आश्रम के पीठाधीश्वर संत बालयोगी उमेशनाथ ने जर्मनी से आए परमहंस स्वामी विश्वानंद को महर्षि वाल्मीकि की चरण पादुका, शंख, माला तथा वाल्मीकि रामायण भेंट की।
स्वामी विश्वानंद 101 सदस्यीय संत मंडल के साथ वाल्मीकि धाम में पहुंचे थे। स्वामी विश्वानंद विश्वव्यापी भक्ति मार्गीय आंदोलन चला रहे हैं। इसी कड़ी में वह जर्मनी में म्यूजियम बनवा रहे हैं। इसके लिए वह भारत के ऋषियों, प्राचीन भक्ति धारा और सनातन धर्म से जुड़ीं धार्मिक वस्तुओं को संग्रहित कर रहे हैं, जिससे दुनियाभर के लोग जर्मनी में इन वस्तुओं के दर्शन कर सकें।