Ayodhya Ram Mandir: सूर्य की किरणों ने रामलला के ललाट पर पड़ते ही बिखेरा अद्भुत नजारा, जानिए कब से आम लोग कर सकेंगे दर्शन
Surya Tilak विहिप नेता गोपाल के माध्यम से दैनिक जागरण ने इस ट्रायल की सफलता की जानकारी दस अप्रैल के अंक में ही दे दी थी। कुछ दिनों से वैज्ञानिकों का दल इसके उपकरणों को मंदिर में संयोजित कर रहा था। अब 17 अप्रैल को भी इसी तरह रामलला के ललाट पर किरणें पड़ेंगी और रामलला का सूर्य तिलक होगा।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामनवमी को होने वाले रामलला के सूर्य तिलक का ट्रायल सफल रहा। चित्र में साफ देखा जा सकता है कि सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर अद्भुत छटा बिखेर रही हैं। इसका वीडियो शुक्रवार को आकर्षण का केंद्र बना रहा, लेकिन जागरण इसकी पुष्टि नहीं करता।
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि यंत्र संयोजित करने के समय एक ट्रायल नौ अप्रैल को किया गया था, जो सफल रहा था। वैज्ञानिकों को आवश्यक लगेगा तो एक बार फिर से इसका ट्रायल शनिवार और रविवार को भी किया जाएगा।
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मंदिर की व्यवस्था से जुड़े विहिप नेता गोपाल के माध्यम से दैनिक जागरण ने इस ट्रायल की सफलता की जानकारी दस अप्रैल के अंक में ही दे दी थी। कुछ दिनों से वैज्ञानिकों का दल इसके उपकरणों को मंदिर में संयोजित कर रहा था। अब 17 अप्रैल को भी इसी तरह रामलला के ललाट पर किरणें पड़ेंगी और रामलला का सूर्य तिलक होगा।
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ढाई मिनट तक किरणों की तीव्रता अधिक होगी। कुल पांच मिनट भगवान भाष्कर की किरणों से आराध्य का तिलक होता दिखेगा। यह सूर्य तिलक 75 मिमी का होगा। सूर्य अभिषेक के प्रबंधन व संयोजन का दायित्व रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को सौंपा गया था।
इन सभी ने पद्धति विकसित की और उपकरण तैयार किए। इसमें मिरर, लेंस व पीतल का प्रयोग हुआ है। इसके संचालन के लिए बिजली व बैट्री की भी जरूरत नहीं है। प्रत्येक वर्ष रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक होगा। इस रामनवमी पर 50 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारी हो रही है।
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