Move to Jagran APP

Ayodhya: पालकी पर सवार होकर रामलला के दर्शन करने जाएंगे बुजुर्ग दर्शनार्थी, सुविधा देने पर ट्रस्ट कर रहा विचार

जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर के आकार ले लेने के बाद से ही प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। दर्शनार्थियों को जल्द पालकी की सुविधा भी सुलभ हो सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट यह सुविधा शुरू करने पर विचार कर रहा है। अधिक वजनी या शारीरिक रूप से अक्षम दर्शनार्थियों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था अपर्याप्त साबित हो रही है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Mon, 01 Jul 2024 06:00 AM (IST)
Hero Image
रामलला के बुजुर्ग दर्शनार्थियों को पालकी सुविधा देने पर ट्रस्ट कर रहा विचार
 लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। नव्य, भव्य व दिव्य मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीराम का दर्शन-पूजन करने नित्य आ रहे दर्शनार्थियों को जल्द पालकी की सुविधा भी सुलभ हो सकती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट यह सुविधा शुरू करने पर विचार कर रहा है।

यद्यपि पालकी या अन्य किसी माध्यम की आवश्यकता दिव्यांग और वयोवृद्ध दर्शनार्थियों को ही पड़ती है, परंतु इसके उपयोग को लेकर कोई बाध्यता नहीं रहेगी। कोई भी जरूरतमंद भक्त पालकी से आ-जा सकेगा।

बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच रहे भक्त

जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर के आकार ले लेने के बाद से ही प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इनमें कुछ श्रद्धालु ऐसे भी होते हैं, जो अधिक आयु, शारीरिक अक्षमता व अन्य कारणों से चलने-फिरने में असमर्थ होते हैं।

ऐसे भक्तों को मंदिर तक ले जाने के लिए ट्रस्ट ने व्हील चेयर की व्यवस्था सुलभ करा रखी है, लेकिन अधिक वजनी या शारीरिक रूप से अक्षम दर्शनार्थियों के लिए यह अपर्याप्त साबित हो रही है। जो भक्त बैठ पाने में असमर्थ होते हैं, उन्हें इससे जाने में असुविधा होती है।

पालकी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है

ऐसे भक्तों की सुविधा के दृष्टिगत ट्रस्ट आगामी दिनों में पालकी की सुविधा शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र कहते हैं, अभी पालकी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। भविष्य में व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ जरूर किया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।