Ram Mandir: मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक आज से, रामलला के विग्रह की स्थापना को लेकर भूतल निर्माण पूर्ण करने पर फोकस
500 वर्षों के इंतजार के बाद 22 जनवरी को वो पल आएगा जब रामलला अपने विग्रह में विराजमान होंगे। इससे पूर्व मंदिर निर्माण के कार्यों का जाएजा लेने के लिए आज से मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हो रही है। जिसमें भूतल का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने पर फोकस रहेगा। बता दें कि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र रामनगरी पहुंच गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sat, 09 Dec 2023 08:24 AM (IST)
संसू, अयोध्या। प्रत्येक 20 दिनों के अंतराल पर होने वाली राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हो रही है। बैठक में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की स्थापना को ध्यान में रख कर राम मंदिर के भूतल को पूर्णता प्रदान किए जाने पर जोर होगा। भूतल का ढांचा तो तीन माह पूर्व ही निर्मित हो गया है।
इन दिनों भूतल की फर्श, छत की सज्जा, विद्युतीकरण का काम चल रहा है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व यात्री सुविधा केंद्र, परकोटा निर्माण आदि भी पूरा किया जाना है और बैठक में इसी माह के अंत तक इन सभी कार्यों को पूरा किए जाने पर विचार किया जाएगा। बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार को देर शाम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र रामनगरी पहुंच गए हैं।
अपने सब स्टेशन की बिजली से जगमग हुआ राम मंदिर
रामलला के विग्रह की स्थापना के लिए अंतिम स्पर्श पा रहे राम मंदिर परिसर ने शुक्रवार को एक और कदम बढ़ाया। राम मंदिर सहित 75 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर की जरूरत को देखते हुए अलग से विद्युत सब स्टेशन का निर्माण गत दिनों ही पूर्ण हुआ था।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन से दो हजार किलोवाट का कनेक्शन मिलने के बाद रामजन्मभूमि परिसर का विद्युत सब स्टेशन सक्रिय हो उठा और शुक्रवार से इसी सब स्टेशन के माध्यम से रामजन्मभूमि परिसर की बिजली आपूर्ति शुरू हुई। अभी तक रामजन्मभूमि परिसर की बिजली आपूर्ति पास ही स्थित श्रीराम अस्पताल की 33 केवीए की लाइन से हो रही थी।
रामपथ पर तीन किमी में पौधारोपण के लिए गड्ढों की खोदाई शुरू
वन विभाग ने लगभग 13 किलोमीटर लंबे रामपथ पर सिर्फ तीन किलोमीटर में शोभाकार पौधा लगाने के लिए गड्ढों की खोदाई शुरू करवा दी है। वन विभाग सिटी रेंज की टीम इस कार्य में लगी है। रामपथ पर लगभग 10 किलोमीटर में दोनों तरफ पौधारोपण की जगह नहीं बची है। तीन किलोमीटर में सआदतगंज से पोस्ट आफिस तिराहे तक दोनों तरफ अधिक से अधिक शोभाकार पौधे लगाने की दिशा में काम शुरू हो गया है।खोदे गये गड्ढों में मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिलाई जा रही है, जिससे रोपे जाने वाले पौधों को बढ़त मिल सके। रामपथ पर इतनी ही दूरी में बने डिवाइडर के बीच भी पौधों का रोपण किया जाएगा, लेकिन इनमें कौन सा पौधा पनपेगा, इस पर शोध भी किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो डिवाइडर पर पौधारोपण के लिए बमुश्किल पांच से छह इंच ही मिट्टी मिल रही है।इसके बाद नीचे सीमेंटेड कंक्रीट की लेयर है और उसके नीचे ड्रेनेज के लिए पाइपलाइन है। पथ निर्माण कार्य के दौरान इस बात का ध्यान नहीं दिया गया कि डिवाइडर पर मिट्टी ही नहीं मिलेगी तो पौधे कहां रोपे जाएंगे। अब विभाग डिवाइडर के बीच वही पौधे रोपित करेगा जिनकी जड़ें गहराई तक न जाती हों और बढ़त के लिए कम मिट्टी की आवश्यकता पड़ती हो। इसके लिए सआदतगंज के पास कुछ दूरी पर बोगनवेलिया का पौधा लगाया गया है, जिससे यह पता चल सके कि यह पौधा पनपेगा कि नहीं।
कर्मी शुक्रवार को डिवाइडर के बीच मिट्टी की छनाई करवाने के साथ उसमें गोबर की खाद मिलवाते दिखे। अगले कुछ दिनों के अंदर पथ के तीन किलोमीटर हिस्से में दोनों तरफ व मिट डिवाइडर के बीच शोभाकार पौधों का रोपण शुरू कराया जाएगा। सिटी रेंजर रत्नेंद्र त्रिगुणायत सिर्फ इतना कहते हैं कि पौधारोपण के लिए गड्ढों की खोदाई के साथ मिट्टी में गोबर की खाद मिलवाई जा रही है।
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