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UP Lok Sabha Result 2024: राम मंदिर का राग अलापने वाली भाजपा की अयोध्या में ही शिकस्त, आखिर क्या रही वजह?

भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को चुनाव में भुनाने का प्रयास किया लेकिन राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए इतना असरकारी साबित नहीं हुआ। हालात यह बने कि भाजपा को अयोध्या के ही संसदीय क्षेत्र में मुंह की खानी पड़ी। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी कौन से कारण हैं जिसकी वजह से भाजपा को अयोध्या शिकस्त मिली-

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 05 Jun 2024 08:18 PM (IST)
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Lok Sabha Result 2024: राम मंदिर का राग अलापने वाली भाजपा को अयोध्या में ही शिकस्त, आखिर क्या रही वजह?
जागरण संवाददाता, अयोध्या। अठारहवीं लोकसभा चुनाव में भाजपा अपनी ही उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकामायाब होती दिखी। भाजपा का दावा था कि वह उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीतेगी। इसके लिए भाजपा ने खुद को राष्ट्रवादी और रामभक्त होने का भी दावा किया। 

भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को चुनाव में भुनाने का प्रयास किया, लेकिन राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए इतना असरकारी साबित नहीं हुआ। हालात यह बने कि भाजपा को अयोध्या के ही संसदीय क्षेत्र में मुंह की खानी पड़ी। इसके अलावा, पूरे प्रदेश में पिछली बार की अपेक्षा भाजपा की 29 सीटें घट गई।

क्या रहा अयोध्या का रिजल्ट?

राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हुआ, अयोध्या का संसदीय क्षेत्र फैजाबाद है। ऐसे में राजनीति विशेषज्ञों का यह मानना था कि भाजपा को यहां राम मंदिर के नाम पर जीत मिल सकती है। लेकिन यह नहीं हो पाया। फैजाबाद लोकसभा सीट सपा के खाते में चली गई। सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 54567 वोटों से हरा दिया।

ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी कौन से कारण हैं, जिसकी वजह से भाजपा को अयोध्या शिकस्त मिली।

दरअसल, फैजाबाद लोकसभा सीट की पांच विधानसभा सीट में से बीकापुर विधानसभा सीट से सर्वाधिक मतों ने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को जीत दिला दी। यहां से मिली बढ़त ही भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के पराजय का कारण बनी। 

भाजपा प्रत्याशी को बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 92859 मत प्राप्त हुए। आईएनडीआईए के सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को 122543 मत मिले। मतगणना में अकेले बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से 29684 वोटों की बढ़त को लेकर लगातार आगे बढ़े अवधेश प्रसाद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

दरअसल, पहले सोहावल विधानसभा सीट (सुरक्षित) हुआ करती थी। परिसीमन के बाद वह बीकापुर के नाम से जानी जाने लगी। मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट हो गई, जहां से गठबंधन के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद दूसरी बार विधायक हैं। 

अवधेश की जीत का सबसे बड़ा कारण भी यही रहा कि संसदीय सीट की पांच विधानसभा सीट में दोनों प्रत्याशियों के बीच सबसे ज्यादा प्राप्त मतों का अंतर अगर किसी विधानसभा सीट पर देखने को मिला तो वह बीकापुर की है। यहां पर जीत का अंतर लंबा होने से लल्लू सिंह को अवधेश प्रसाद से पराजित होना पड़ा।

अवधेश बोले- अखिलेश की दूरगामी सोच

फैजाबाद संसदीय सीट पर दो बार से लगातार विजयश्री का वरण करने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लल्लू सिंह को पराजित करने वाले समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी व विधायक अवधेश प्रसाद भगवा गढ़ में अपनी जीत का सबसे बड़ा कारण अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की दूरगामी सोच और राजनीतिक समझदारी को देते हैं। 

केवल अयोध्या में ही आगे रही भाजपा

अयोध्या को छोड़ कर भाजपा किसी भी विधानसभा क्षेत्र में सपा की साइकिल की रफ्तार रोक नहीं सकी। अयोध्या में भी महज 4600 मतों की बढ़त भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह को मिल सकी थी।

अखिलेश के प्रयोग ने दूर किया सूखा

जिस हिंदुत्व ब्रांड पर भाजपा अपनी जीत को आसान मान रही थी, अखिलेश यादव के दांव ने उसी ब्रांड की चमक भगवागढ़ में फीकी कर दी। मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट से विधायक अवधेश प्रसाद को सामान्य सीट से उम्मीदवार बनाने का सपा ने जो दांव लगाया था, लोकसभा चुनाव की जीत ने उसको सफल साबित कर दिखाया। अखिलेश के इस प्रयोग ने 25 वर्ष से चल रहे जीत के इंतजार के सूखे को दूर कर दिया। 

आरक्षण खत्म होने की आशंका से टूटा वोट बैंक

अवधेश प्रसाद पासी बिरादरी से आते हैं। अवधेश के उम्मीदवार बनते ही, वे बिरादरी के उम्मीदवार के लिए एकजुट होने लगे। यही वजह रही कि अयोध्या विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर संसदीय सीट की अन्य सभी विस सीट मिल्कीपुर, बीकापुर, रुदौली व बाराबंकी जिले की दरियाबाद सीट उसे भाजपा से बढ़त दिलाई। आरक्षण खत्म होने की आशंका में कुर्मी बिरादरी के मतदाता भी सपा की साइकिल पर सवार हो गए।

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