UP Politics : रामनगरी में आइएनडीआइए में फूट, गठबंधन से खड़े दो प्रत्याशी; आंतरिक तौर पर बढ़ी बेचैनी
अखिलेश यादव ने पांच बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे मिल्कीपुर के मौजूदा विधायक अवधेश प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है जिले की राजनीति की धुरी रहे तथा यादव बिरादरी में मजबूत पकड़ रखने वाले दिवंगत नेता मित्रसेन यादव के बड़े पुत्र अरविंदसेन यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। आइएनडीआइए ने अलग राज्यों में पूर्व के चुनावों में प्रदर्शन के हिसाब से सीटों का बंटवारा किया है।
प्रमोद दुबे, जागरण अयोध्या : विपक्ष ने एनडीए की राह रोकने के लिए आइएनडीआइए बनाया है। इसमें देश के 26 राजनीतिक दल शामिल हैं। गठबंधन के सदस्यों ने समझौते के आधार पर मिली सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, लेकिन यह गठबंधन रामनगरी में मजाक बन गया है। यहां आइएनडीआइए के दो प्रत्याशी आमने-सामने मैदान में ताल ठोक रहे हैं, जबकि फैजाबाद लोकसभा सीट समझौते में सपा को मिली है।
यहां सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पांच बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे मिल्कीपुर के मौजूदा विधायक अवधेश प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है, वहीं जिले की राजनीति की धुरी रहे तथा यादव बिरादरी में मजबूत पकड़ रखने वाले दिवंगत नेता मित्रसेन यादव के बड़े पुत्र अरविंदसेन यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं।
यादव मतों के ध्रुवीकरण की संभावना
आइएनडीआइए ने अलग-अलग राज्यों में पूर्व के चुनावों में प्रदर्शन के हिसाब से सीटों का बंटवारा किया है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 17 और समाजवादी पार्टी समेत सहयोगी दलों के हिस्से में बची 63 सीटें गई हैं। इन सहयोगी दलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) भी शामिल हैं।अब गठबंधन में शामिल सीपीआइ के टिकट पर फैजाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे अरविंदसेन यादव गठबंधन प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के लिए संकट बनते दिख रहे हैं। अरविंदसेन की दावेदारी को राजनीतिक समीक्षक भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के लिए फायदेमंद बता रहे हैं। इससे यादव मतों के ध्रुवीकरण की संभावना है।गठबंधन से बगावत करने से समाजवादी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। सपा के मतदाता गठबंधन प्रत्याशी को चुनाव में विजय दिलाएंगे। गठबंधन पर कैसे प्रत्याशी उतारा गया, यह ऊपर के स्तर का मामला है, वहीं से फैसला लिया जाएगा।
पारसनाथ यादव, जिलाध्यक्ष सपा
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