यूपी में बिजली मीटरों की जांच शुरू हो गई है। इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिस्पांस सिस्टम (आइजीआरएस) पर की गई शिकायतों के आधार पर बदले गए बिजली मीटरों की जांच की जा रही है। जांच में अगर मीटर में रीडिंग स्टोर मिलती है या छेड़छाड़ पाई जाती है तो उपभोक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। खराब बताए गए मीटरों को तुरंत बदलने के निर्देश हैं।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिस्पांस सिस्टम (आइजीआरएस) पर की गई शिकायतों के आधार पर बदले गए बिजली मीटरों की पावर कारपोरेशन ने जांच शुरू करा दी है। यह जांच खराब बता कर उपभोक्ताओं की ओर से बदलवाए गए इलेक्ट्रानिक स्टेटिक मीटरों की स्थिति परखने के लिए की जा रही है। जांच में मीटर में रीडिंग स्टोर मिलने या छेड़छाड़ पाए जाने या उनके सही पाए जाने पर उपभोक्ताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
बुधवार को अधीक्षण अभियंता वितरण रामकुमार ने भी प्रयोगशाला जाकर मीटरों की जांच कराई।
सूत्रों के अनुसार पिछले तीन माह में लगभग 450 उपभोक्ताओं ने एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) पर शिकायत करके अपने घरों या प्रतिष्ठानों में लगे इलेक्ट्रानिक स्टेटिक मीटर को खराब बता बदलवाया है।
शासन की ओर से समयबद्ध निराकरण का आदेश होने के कारण पावर कारपोरेशन को खराब बताए गए मीटरों को तुरंत बदलना पड़ा है। अब जबकि स्टोर में खराब मीटरों की भरमार हो गई और लगातार शिकायतें आने लगीं तो खराब मीटरों की प्रयोगशाला में जांच शुरू करा दी गई है।
बिजली चोरी पर फंसेंगे उपभोक्ता
सूत्रों की मानें तो बदले गए अधिकांश मीटर ग्रामीण क्षेत्र के एक से दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के रहे हैं। इनमें ज्यादातर शिकायतें विद्युत वितरण खंड-द्वितीय व तृतीय की रही हैं। अधीक्षण अभियंता वितरण रामकुमार ने बताया कि अधिशासी अभियंता मीटर ब्रह्मपाल सिंह को सभी मीटरों की जांच कराने को कहा गया है।
जांच के दौरान जिन मीटरों में रीडिंग स्टोर मिलेगी या उनमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ पाई जाएगी तो उनसे संबंधित उपभोक्ताओं के विरुद्ध बिजली चोरी का मुकदमा लिखवाया जाएगा। ऐसे उपभोक्ताओं पर विद्युत अधिनियम की धारा-135 के तहत एंटी पावर थेफ्ट थाने में एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। सिविल लाइन स्थित प्रयोगशाला में मीटरों की जांच सहायक अभियंता सतवीर सिंह सहित कई अवर अभियंता व जूनियर मीटर तकनीशियन कर रहे हैं।