राम मंदिर का निर्माण कार्य तय समय यानी दिसंबर में ही पूर्ण हो जाएगा। मुख्य शिखर का ही निर्माण शेष है जिसका निर्माण पखवारे भर बाद प्रारंभ हो जाएगा। निर्मित हो चुके कुछ अन्य शिखरों को अभी फिनीशिंग टच (अंतिम रूप) दिया जा रहा है। भूतल के बाद प्रथम तल का ढांचा भी तैयार हो गया है। प्रथम तल की दीवारों पर प्रतिमाओं को उकेरा जा रहा है।
प्रवीण तिवारी,
अयोध्या। छह शिखरों वाले राम मंदिर की भव्यता अब मात्र पांच माह बाद ही अपने मूलस्वरूप में सामने होगी, जो दुनियाभर को आकर्षित भी करने लगेगी। जुलाई माह तक मंदिर में बनने वाले छह शिखरों में से पांच निर्मित हो चुके हैं। सिर्फ मुख्य शिखर का निर्माण ही शेष है। इसका निर्माण पखवारे भर बाद प्रारंभ हो जाएगा। निर्मित हो चुके कुछ अन्य शिखरों को अभी फिनीशिंग टच (अंतिम रूप) दिया जा रहा है।
अभी तक नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप, भजन व कीर्तन मंडप के शिखर बनकर तैयार हैं। सबसे ऊंचा मुख्य शिखर ही है। कार्यदायी संस्था एलएंडटी ने तय समय पर निर्माण पूर्ण करने का संकल्प दोहराया है।
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने पिछले सप्ताह आशंका जताई थी कि मजदूरों की कमी से मंदिर की पूर्णता में दो माह का विलंब होगा, पर कार्यदायी संस्था एलएंडटी ने दावा किया है कि मजदूर बढ़ाए जा रहे हैं।
तय समय में पूर्ण होगा राम मंदिर
मंदिर नियत समय यानी दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा। भूतल के बाद प्रथम तल का ढांचा भी तैयार हो गया है। प्रथम तल की दीवारों पर प्रतिमाओं को उकेरा जा रहा है। फर्श पर संगमरमर लगाया जा रहा है। द्वितीय तल का निर्माण तीव्रता से चल रहा है। नृपेंद्र मिश्र ने साफ किया है कि पहले मंदिर निर्माण का कार्य समाप्त होना चाहिए। एलएंडटी के निदेशक वीके मेहता ने बताया कि निर्माण समय से पूर्ण करने को लेकर हम सब प्रतिबद्ध हैं।
उनका कहना है कि श्रमिक बढ़ रहे हैं। अब मुख्य शिखर ही बनना है, जो मंदिर के द्वितीय तल के निर्माण के बाद पूर्ण होगा। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट की होगी। इस समय द्वितीय तल पर दीवारों के स्तंभ तैयार किए जा रहे हैं। कुछ हिस्सों में बीम की शिलाओं को सज्जित करने की तैयारी चल रही है। मात्र पखवारे भर बाद ही द्वितीय तल के निर्माण के साथ ही मुख्य शिखर निर्मित होना प्रारंभ होगा।
प्रथम तल की फर्श पर सफेद संगमरमर लगाए जाने का कार्य सितंबर में पूर्ण हो जाएगा। इस समय इसी तल को फिनीशिंग टच दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त निर्मित हो रहे सप्त मंडपम, शेषावतार मंदिर का निर्माण तीव्रता से चल रहा है, जिसे राम मंदिर की ही तकनीक से बनाया जा रहा है। मंदिर की तरह ही इनके प्रखंडों की नींव कई स्तर में तैयार की गई है।
दिसंबर में दर्शन को खुलेगा कुबेर टीला
भले ही कुबेर टीला बनकर तैयार हो गया है। यहां जटायु सहित कुबेरेश्वर महादेव स्थापित हैं, पर दर्शन दिसंबर माह में प्रारंभ हो सकेगा। इसके लिए नियमित रूप से एक हजार भक्तों को पास जारी किए जाएंगे।
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