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वाह! रामलला के स्वागत में… 13 हजार फीट से कूदी अनामिका, पूरी दुनिया में हो रही चर्चा; बचपन में ही कमा लिया था नाम

Ram Mandir Ayodhya - भगवान राम के अयोध्या में स्वागत के लिए 22 दिसंबर को अनामिका ने बैंकाक में 13 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई और छह हजार फीट तक वह राम मंदिर और जय श्रीराम लिखा झंडा लेकर हवा से जमीन की ओर बढ़ी। अनामिका के इस साहसिक कारनामे के बाद पूरी दुनिया में उनकी चर्चा हो रही है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 02 Jan 2024 05:23 PM (IST)
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वाह! भगवान राम के स्वागत में… 13 हजार फीट से ‘बजरंगबली’ बनकर कूदी अनामिका

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। भगवान राम के अयोध्या में स्वागत के लिए 22 दिसंबर को अनामिका ने बैंकाक में 13 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई और छह हजार फीट तक वह राम मंदिर और जय श्रीराम लिखा झंडा लेकर हवा से जमीन की ओर बढ़ी। 

अनामिका के इस साहसिक कारनामे के बाद पूरी दुनिया में उनकी चर्चा हो रही है। कोई उन्हें सबसे बड़ा राम भक्त कह रहा तो कोई अद्भुत और अदम्य साहस वाली नारी शक्ति।

घाना में लगाई थी पहली छलांग

मात्र दस साल की उम्र थी, जब पहली बार अनामिका ने मध्य प्रदेश के सागर जिले के घाना में पहली छलांग लगाई थी। 10 हजार फीट की ऊंचाई से हवा में निडर अनामिका को जिसने भी देखा था दंग रह गया था। उसी दिन यह तय हो गया था अनामिका इतिहास बनाने आई है। 

19 साल की उम्र में पैराजंपिंग के लिए अनामिका रसिया और दुबई गई। उन्हें 'ए कैटेगरी का लाइसेंस मिला। अब वह भारत की पहली महिला पैराजंपर हैं, जिनके पास पैराजंपिंग का 'सी' कैटेगरी का लाइसेंस है।

पिता को देखकर मिली प्रेरणा

पिता अजय कुमार शर्मा एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं। वह खुद प्रोफेशनल पैराजंपर हैं और विंग शूट पायलट हैं। 2008 में वह सेवानिवृत्त हुए। अपने मूल निवास जहानाबाद बिहार को छोड़कर प्रयागराज में ही घर बनवा लिया। अनामिका उन्हें ही देखकर बड़ी हुई और उसके दिलो दिमाग में पैराजंपिंग बस गई। 

बचपन में सुनी थी बजरंग बली की कहानी

पिता कोच बन गए और बेटी उनकी सबसे होनहार प्रशिक्षु। बचपन में अनामिका ने प्रयागराज में विमान शास्त्र के जनक महर्षि भारद्वाज, ब्रह्मांड के पहले पैराजंपर बजरंगबली और भगवान राम की लंका विजय के बाद वापसी के बाद इस्तेमाल हुए पुष्पक विमान की कहानी सुनी थी। 

अनामिका ने राम भक्त से हनुमान भक्त बनने की अपनी यात्रा में धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों पक्षों को खुद से जोड़ा और अब जब 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु राम पधार रहे हैं तो उनके स्वागत में पुष्पक विमान रूपी विमान से छलांग लगाकर बजरंगी भाव में स्वागत किया। 

बेंगलुरु से कर रही बीटेक की पढ़ाई

नीम सरांय की रहने वाली अनामिका की बारहवीं तक की पढ़ाई संस्कार इंटरनेशनल स्कूल में हुई। अभी वह बीएमएसआईटी बेंगलुरु से बीटेक कर रही हैं। इसके बाद वह राष्ट्रीय एयरोस्टपोर्ट्स पालिसी में अपना योगदान देकर भारत को टाप हवाई खेल राष्ट्र बनाने में योगदान करेंगी। घर में अनामिका से एक बहन अनुश्कृति शर्मा, मां प्रियंका कुमारी व पिता अजय शर्मा हैं।

अनामिका की उपलब्धियां

पहली भारतीय जिन्होंने विंगशूट स्विंग जंप की। पहली भारतीय जिन्होंने विंगशूट रोडियो जंप की। वह भारत की सबसे कम उम्र की पहली महिला पैराजंपर हैं। सबसे कम उम्र की पहली महिला लाइसेंसधारी पैराजंपर भी हैं। उन्होंने 14 हजार फीट की ऊंचाई से मास्को में भी जंप की है।

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