जिला ' फ्रिज' होने के करीब, तापमान छह डिग्री सेल्सियस
जागरण संवाददाता आजमगढ़ सावधान रहिए। सर्दियां सितम ढहाने को अकुलाई हैं। पारा के गो
By JagranEdited By: Updated: Fri, 18 Dec 2020 05:22 PM (IST)
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सावधान रहिए। सर्दियां सितम ढहाने को अकुलाई हैं। पारा के गोता लगाकर छह डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचने से आजमगढ़ फ्रिज होने से महज सात कदम दूर रह गया है। हाड़ कंपाने वाली ठंड के कारण मनुष्य, पशु-पक्षी सब बेहाल नजर आए। बुजुर्गों, बच्चों के लिए सर्दियों के दृष्टिगत घरों के बाहर लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है। हालांकि, हालात में बदलाव के संकेत गुरुवार की शाम में पड़ने लगी कड़ाके की ठंड से मिलने लगे थे, जो आधी रात बाद छह डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ और खतरनाक हो गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 अंक पहुंच गया है, जो 24 घंटे पूर्व 90 अंक के साथ आदर्श मानक के दायरे में जा पहुंचा था। मौसम विज्ञानियों ने दिन में धूम निकलने की संभावना जताई, जो दिन चढ़ने के साथ ही नजर भी आ रहा था।
शहरों में रूम हीटर, ब्लोअर तो गांवों टायर इत्यादि जलाए शुक्रवार तड़के हवा 8.03 किमी. की रफ्तार से बही, जो किसी कहर से कम नहीं रही। तापमान के पहले से ही रिकार्ड गिरावट के कारण लोगों के हाथ-पांव ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। शहरों में लोग ब्लोअर, रूम हीटर तो गांवों में लोग टायर, पुआल इत्यादि जलाकर ठंड से खुद को बचाने में जुटे रहे।
शहर से गांव तक नहीं हुए अलाव के इंतजाम कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रशासन चादर ताने सोया पड़ा है। शहर से गांव तक में अलाव के इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। समाजसेवी संस्थानों ने जरूरी ठंड से बचाव के लिए एक-दो जगह कंबल बांटे हैं। लेकिन बड़ी संख्या में जरूरतमंदों के लिए समाजसेवियों के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
खूब ढिढोरा पीटा, रैनबसेरों के नहीं खुले ताले सरकार ने दो-तीन माह पूर्व ही रैन बसेरों को दुरुस्त करने की बात कही थी। हुक्मरानों ने उसे अमल में लाने के निर्देश भी दिए, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं उतरा। जिम्मेदार कहते हैं, कोई जरूरतमंद पहुंचा तो व्यवस्था मिलेगी। सोचने वाली बात कि आखिर रात में कोई रैन बसेरा पहुंच भी गया तो उसमें रहेगा कैसे। अधिकांश के केयर टेकर तो अपने घरों पर रहते हैं। बच्चों, बुजुर्गों के लिए घरों में खींची लक्ष्मण रेखा ठंड के रुख को देखते हुए बच्चों व बुजुर्गों के लिए घरों से निकलने की मनाही हो गई है। क्योंकि सर्दियों के कारण निमोनिया, कोल्ड डायरिया की परेशानी बढ़ने लगी है। मधुमेह, हृदय रोग, दमा रोगी तो पहले से ही परेशान हैं।
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