Azamgarh Seat Result: समाजवादियों के गढ़ में फिर लहराया सपा का झंडा, धर्मेंद्र यादव ने निरहुआ को दी करारी शिकस्त
Azamgarh lok sabha election 2024 Result - आजमगढ़ लोकसभा सीट भाजपा और सपा के लिए नाक की लड़ाई बन गई थी। भाजपा ने निरहुआ पर ही भरोसा जताया था तो धर्मेंद्र यादव के कंधे पर मुलायम और अखिलेश की विरासत को बचाए रखने की जिम्मेदारी है। इस मुकाबले में धर्मेंद्र यादव ने समाजवादियों के गढ़ में फिर से लहरा दिया सपा का झंडा.. पूरी रिपोर्ट
सर्वेश कुमार मिश्र, जागरण आजमगढ़। समाजवादियों के गढ़ आजमगढ़ एक बार फिर से सपा का झंडा लहराया है। आजमगढ़ लोकसभा सीट को सपा ने भाजपा से छीन लिया, इस जीत में एम-वाई फैक्टर सबसे अहम रहा है। इसके बाद विकास की हर ईंट पर सपा ने अपना नाम होने का मुद्दा उछाला तो हर सभा में अखिलेश और डिंपल ने कहा कि आजमगढ़ हमारा है, हम आजमगढ़ के हैं। न हम आजमगढ़ को छोड़ेंगे और न ही आजमगढ़ हमें छोड़ेगा।
संविधान को खत्म करने, महंगाई, बेरोजगारी, एयरपोर्ट के नाम पर लालीपाप और वाराणसी-गोरखपुर वाया आजमगढ़ रेलमार्ग के सर्वे को लेकर कथित धोखे के पूरी तन्मयता से लोगों के बीच रखा। इतना ही नहीं अलग-अलग जातियों के लोगों को मैदान में पूरी तरह से झोंक दिया था। उधर, सरकार के योजनाओं के भरोसे अपने प्रचार-प्रसार को भाजपा ने केंद्रित रखा। बहरहाल, इस जीत के साथ सपा ने अपने गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ को जीतकर न सिर्फ संदेश दिया है बल्कि यह भी जता दिया कि विधानसभा चुनाव में सभी विधायकों की जीत कोई तुक्का नहीं था।
उपचुनाव में जहां भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने साढ़े आठ हजार मतों से जीत दर्ज की थी तो उसी धर्मेंद्र यादव ने उन्हें इतनी करारी शिकस्त दी जिसकी भाजपा ने कल्पना तक नहीं की होगी। यूं तो सपा यहां से पहले एम-वाई के फैक्टर से मजबूत रही है।
देश में भले ही 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में एनडीए व आइएनडीआइए में सीटों को लेकर घमासान रहीं। लेकिन जिले की दोनों ससदीय सीट सीट 68-लालगंज सुरक्षित और 69-आजमगढ़ सदर संसदीय सीट सपा के खाते में गई। सपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने 2022 के उप चुनाव में मिली हार का बदला लेते हुए भाजपा प्रत्याशी व भोजपुरी सिने स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को हराकर 1,61,035 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
आजमगढ़ लोकसभा सीट के स्थानीय मुद्दे
- वाराणसी-गोरखपुर वाया आजमगढ़ नई रेल लाइन की मांग।
- देवारा क्षेत्र में हर साल बाढ़ की विभीषिका व कटान की समस्या।
- नौजवानों को रोजगार मिले और बढ़ती महंगाई पर लगे लगाम।
- तमसा के किनारे पार्क व पाथ-वे तथा खेल का मैदान बने।
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित हो।
सभी विधानसभा क्षेत्रों में साइकिल
आजमगढ़ जिले में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र हैं और सभी पर सपा का कब्जा है। लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा क्षेत्रों गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर में भी सपा ने भाजपा के उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हराया था। यह आंकड़े धर्मेंद्र यादव और उनके समर्थकों में ऊर्जा भरते हैं।आजमगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास
1952 से 1971 तक आजमगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा। कांग्रेस से अलगू राय शास्त्री, कालिका सिंह, रामहरख यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव जैसे धुरंधर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया करते थे। आपातकाल के बाद कांग्रेस विरोधी लहर में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के करीबी पूर्व सीएम रामनरेश यादव को भी 1977 में मौका मिला था। 1980 में चंद्रजीत यादव तीसरी बार सांसद चुने गए थे।
1984 में कांग्रेस से डाॅ. संतोष सिंह पूर्व सीएम रामनरेश यादव को हराकर पहली बार सांसद चुने गए। 1989 में रामकृष्ण यादव ने सूबे में बसपा के लिए खाता खोला था। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव यहां से सांसद रह चुके हैं। इस समय भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ यहां के सांसद हैं।
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