Azamgarh News: बैराजों से फिर छोड़ा गया 4 लाख क्यूसेक पानी, 24 घंटे में नदियों का जलस्तर 24 सेमी बढ़ा
जिला मुख्यालय से उत्तर तरफ देवारा में बहने वाली सरयू नदी के जलस्तर ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर बुधवार की शाम चार बजे लाल निशान से मात्र 39 सेंटीमीटर दूर रह गया है। कई गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। नदी का जलस्तर 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर बढ़ा है।
संवाद सूत्र, रौनापार (आजमगढ़)। जिला मुख्यालय से उत्तर तरफ देवारा में बहने वाली सरयू नदी के जलस्तर ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर बुधवार की शाम चार बजे लाल निशान से मात्र 39 सेंटीमीटर दूर रह गया है। कई गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। हालांकि, अभी नदी की धारा आबादी से काफी दूर है लेकिन जिस रफ्तार से पानी बढ़ रहा है, उससे लगता है कि जल्द ही आबादी में पहुंच जाएगा।
19वें दिन बैराजों से छोड़ा गया पानी
महुला गढ़वल बांध (एमजी बांध) के तटवर्ती 134 गांव के लोगों की धड़कन बढ़ गई है। जिन किसानों की उपजाऊ भूमि धारा में विलीन हो रही है, वे काफी चिंतित हैं। नदी का जलस्तर 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर बढ़ा है। लगातार 19वें दिन तीन बैराजों से 3,38,163 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसमें गिरजा बैराज से 1,72,973 क्यूसेक, शारदा बैराज से 1,38,707 क्यूसेक और सरयू बैराज से 26,483 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाला पर मंगलवार को शाम चार बजे नदी का जलस्तर लाल निशान 71.68 मीटर के नीचे 70.05 मीटर पर दर्ज किया गया था, जो बुधवार की शाम 71.29 मीटर पर पहुंच गया। हाजीपुर से साहडीह, बढनपट्टी, बांका बुलंद गांव जाने वाले संपर्क मार्ग पर पानी चढ़ गया है।
लोग घुटना भर से ऊपर पानी से होकर आ-जा रहे हैं। तटवर्ती गांव उर्दिहा व सहबदिया में धीमी गति से कटान जारी है। अब तक लगभग 28 हेक्टेयर खेती की जमीन धारा में विलीन हो चुकी है। पिछली वर्ष बाढ़ में लोगों के घरों में भी पानी घुस गया था। कई पक्के मकान को भी नदी ने अपनी आगोश में ले लिया था।