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Azamgarh News: साथ रहने वाले दिव्यांग ने ही लालच में आकर की थी पूर्व प्रधान की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

आजमगढ़ में पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान की हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने दिव्यांग सतिराम और वर्तमान प्रधान पति रामसेवक को गिरफ्तार किया। दिव्यांग सतिराम ने प्रधान पति के साथ मिलकर 50 हजार रुपये और नौकरी के लालच में हत्या की थी। पुलिस ने असलहा और खाली कारतूस बरामद किए हैं। फरार आरोपी सुरेंद्र की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है।

By sarvesh mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 10 Oct 2024 03:43 AM (IST)
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पुलिस लाइन सभागार में पूर्व प्रधान की हत्या में दिव्यांग आरोपी से पूछताछ करते एसपी ग्रामीण चिराग जैन। जागरण

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। घर में सो रहे पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान की हत्या के मामला का पुलिस ने दस दिन बाद राजफाश कर लिया है। पूर्व प्रधान की हत्या उन्हीं के साथ रहने वाले दिव्यांग साथी सतिराम ने वर्तमान प्रधान पति के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त असलहा और खाली कारतूस भी बरामद किया है।

मामले की जानकारी देते हुए एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि दिव्यांग आरोपी ने 50 हजार रुपये और छोटे भाई की पत्नी को पंचायत सहायक की नौकरी दिलाने के लालच में घटना को अंजाम दिया था।

यह है पूरा मामला

अहरौला थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव में 29 सितंबर की रात पूर्व प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विनोद कुमार चौहान की तहरीर पर पुलिस 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुट गई थी। 

अहरौला थानाध्यक्ष मनीष पाल ने मंगलवार की रात आरोपी शुभम चौहान, प्रधान पति रामसेवक चौहान निवासी आलमपुर थाना अहरौला को सोफीगढ़ पुलिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। 

इसके बाद मुख्य आरोपी दोनों पैर से दिव्यांग सतिराम चौहान निवासी आलमपुर थाना अहरौला को उसी के गांव के पास से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सतिराम चौहान की निशान देही पर घटना में प्रयुक्त तमंचा उसके घर से बरामद हुआ।

दिव्यांग का घर से था अच्छा संबंध

एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि दिव्यांग सतिराम का पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान के घर से अच्छे संबंध थे। घटना की रात दोनों साथ ही सोए थे। गांव के वर्तमान प्रधान पति रामसेवक चौहान और पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान के बीच चुनावी रंजिश को लेकर विवाद चल रहा था। 

विवाद में एक दूसरे के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। इसी दौरान पंचायत सहायक की भर्ती आयी थी। सतिराम के छोटे भाई की पत्नी का तीसरे स्थान पर मेरिट थी। भर्ती ग्राम प्रधान के माध्यम से होनी थी, जिसको लेकर दिव्यांग सतिराम दो माह पूर्व से वर्तमान प्रधान पति रामसेवक चौहान से मिलकर नौकरी देने की बात कही।

प्रधान ने रखी श्रीराम की हत्या करने की शर्त

प्रधान पति ने दिव्यांग सतिराम को 50 हजार रुपये और उसके छोटे भाई की पत्नी को नौकरी देने के लिए पूर्व प्रधान श्रीराम की हत्या करने की शर्त रखी। सतिराम लालच में आ गया। प्रधान पति रामसेवक और उसके लड़के सुरेन्द्र चौहान से मिलकर हत्या की योजना बनाई। 

घटना की रात सुरेंद्र ने तमंचा सतिराम को दिया था। घटना की रात दिव्यांग सतिराम पूर्व प्रधान श्रीराम चौहान के पास ही सो रहा था। सतिराम ने पूर्व प्रधान के सिर में गोली मार दी थी। घटना के बाद सुरेंद्र चौहान बिना तमंचा लिए ही भाग गया। 

पैर से दिव्यांग होने से सतिराम भाग नहीं सका। वह किसी तरह अपने घर जाकर असलहा छुपाकर वापस आकर वहीं सो गया। घटना की जानकारी दूसरे दिन होने पर सतिराम ने कुछ भी नहीं मालूम होने बात कह पल्ला झाड़ लिया। प्रधान पति के गिरफ्तार होने पर सारा मामला सामने आया गया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि फरार आरोपी सुरेंद्र की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगी है।

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