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Azamgarh News: घटने लगी सरयू नदी, सहबदिया में कटान शुरू; 24 घंटे में 14 सेंटीमीटर जलस्तर की कमी

सरयू नदी का जलस्तर दो सेमी घटा है जिससे ग्रामीणों को बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। लेकिन नदी के कटान से ग्रामीण परेशान हैं। कई गांवों के संपर्क मार्ग अभी भी डूबे हुए हैं जिससे निजी नाव से आवागमन करना पड़ रहा है। बाढ़ क्षेत्र के लोगों का मानना है कि तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने से जलस्तर बढ़ने का खतरा बना रहता है।

By Anil Mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 03 Oct 2024 02:30 AM (IST)
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आजमगढ़: देवारा के सहबदिया में घीमी गति से हो रही कटान। जागरण

संवाद सूत्र, आजमगढ़। सगड़ी तहसील के उत्तर देवारा में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर दो से घटने लगा है। जिससे ग्रामीणों क एक बार फिर बाढ़ से निजात की उम्मीद तो जगी है, लेकिन एक बार फिर कई दिनों बाद सहबदिया में धीमी गति से कटान शुरू होने से ग्रामीण परेशान हैं। संकट अभी बरकरार है। 

राहत की बात यह थी कि 86वें दिन गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों से पानी भी नहीं छोड़ा गया। 24 घंटे में जलस्तर में 14 सेंटीमीटर की कमी रिकार्ड की गई। दूसरी ओर कई गांवों संपर्क मार्ग अभी भी डूबे हैं, जिससे ग्रामीण अभी भी निजी नाव से आवागमन करने के लिए विवश रहे।

जमुआरी, बूढ़नपट्टी, बांका, चक्की, सोनौरा, बेलहिया सहित कई गांवों के रास्ते डूबने से आवागमन के लिए जमुआरी सहित पांच स्थानों पर नाव का संचालन किया जा रहा है। पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या बनी है। 

बाढ़ क्षेत्र के लोगों का मानना है कि लगातार कई दिनों तक तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने से ही जलस्तर बढ़ने का अंदेशा रहता है। अब तक दो करोड़, 21 लाख, 85 हजार 517 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई, 55वें दिन एक सितंबर, 66वें दिन 12 सितंबर, 79वें दिन 25 सितंबर व 86वें दिन दो अक्टूबर को पानी नहीं छोड़ा गया। 

मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर है। मंगलवार को यहां का जलस्तर 71.52 मीटर था। जबकि बुधवार को 71.38 मीटर रिकार्ड किया गया। इस प्रकार नदी खतरा निशान से 30 सेंटीमीटर नीचे बह रही थी।

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