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Azamgarh News: ब्लड की कमी से ‘बैंक’ हुआ एनिमिया का शिकार, अप्रैल के बाद से नहीं हुआ रक्तदान शिविर का आयोजन

ब्लड की कमी से जिला अस्पताल का ब्लड बैंक खुद ‘एनिमिया’ का शिकार हो गया है। 1100 यूनिट ब्लड रखने की क्षमता में मात्र 72 यूनिट ब्लड बचा है। खून की इतनी कमी के बाद भी 24 अप्रैल से एक भी रक्तदान शिविर नहीं लगा है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 16 Jun 2023 01:05 PM (IST)
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ब्लड की कमी से जिला अस्पताल का ब्लड बैंक खुद ‘एनिमिया’ का शिकार हो गया है।
संवाद सहयोगी, बलरामपुर (आजमगढ़) : ब्लड की कमी से जिला अस्पताल का ब्लड बैंक खुद ‘एनिमिया’ का शिकार हो गया है। 1100 यूनिट ब्लड रखने की क्षमता में मात्र 72 यूनिट ब्लड बचा है। ब्लड बैंक में खून की भारी किल्लत है।12 जून को महज 72 यूनिट ब्लड ही बचा, खून की इतनी कमी के बाद भी 24 अप्रैल से एक भी रक्तदान शिविर नहीं लगा है। इसके बावजूद विभाग ब्लड बैंक की ऐसी स्थित पर मौन साधे हुए है।

शिविर का आयोजन नहीं होने से मंडलीय जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी

मंडलीय जिला अस्पताल में गरीबों की सुविधा के लिए ब्लड बैंक की स्थापना की गई जिससे कोई भी गरीब मरीज खून की कमी से दम न तोड़ पाए। मरीज दूर ब्लड बैंक तीन महीने से खुद की खून की कमी के कारण ‘बीमार’ हो गया है। क्षमता के अनुसार ब्लड उपलब्ध नहीं हो पाने का मुख्य कारण 24 अप्रैल के बाद एक भी शिविर का आयोजन न होना है। आखिर ब्लड की इतनी कमी कैसे हो गई इस पर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। ए पाजिटिव और ओ नेगेटिव के लिए मरीजों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। स्थिति पर नजर डालें तो अप्रैल में 400, मई में घटकर 128 और जून में 72 यूनिट पहुंच गया। ऐसे में सरकार की सुविधा का लोगों कितना लाभ मिलेगा इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल हैं।

जहानागंज कस्बा निवासी सचिन की मां हौसिला देवी के शरीर में महज दो यूनिट खून बचा है। डाक्टर ने तुरंत ब्लड चढ़ाने की बात कही तो ब्लड लेने के लिए रक्तदाता कार्ड लेकर ब्लड बैंक पहुंचा। पता चला कि ए पाजिटिव ब्लड उपलब्ध ही नहीं है।

ब्लड बैंक प्रभारी अनिल कुमार मौर्या का कहना है कि अप्रैल के बाद किसी भी सामाजिक संस्थान रक्तदान द्वारा शिविर का आयोजन नहीं हुआ है। इसके कारण ब्लड बैंक में खून की कमी आई है।

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