Move to Jagran APP

Chhath Pujan 2022 : उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रतियों ने तोड़ा व्रत, छठ गीतों से गूंजे नदी और सरोवर तट

Chhath Puja 2022 आजमगढ़ जिले में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने सुबह व्रत तोड़ा। इसके साथ ही आधी रात के बाद से लेकर तड़के तक छठी मैया के गीतों से नदी और सरोवर तट गूंजते रहे।

By Rakesh SrivastavaEdited By: Abhishek sharmaUpdated: Mon, 31 Oct 2022 09:14 AM (IST)
Hero Image
आजमगढ़ जिले में सुबह से छठ व्रत का पारन की मंगलकामना की।
आजमगढ़, जागरण संवाददाता। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सोमवार तड़के चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। सूर्यदेव की लालिमा फूटते ही हजारों की तादाद में एक साथ अर्घ्य दे रहे व्रती मन को मोह रहे थे। इसके साथ खुशियों की जबरदस्त आतिशबाजी ने माहौल को खुशनुमना बना दिया। व्रतियों ने प्रसाद का पारण किया तो उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने एवं प्रसाद पाने की लोगों में होड़ मच गई। इसके साथ ही चहुंओर से उठ रहे छठी मैया के जयकारे से जिला गुंजायमान हो उठा।

यूं तो नदी, तालाब, पोखर किनारे का सन्नाटा आधी रात बाद से ही छंटने लगा था। लेकिन तड़के चार बजे घरों से महिलाओं, युवतियों, पुरुषों, बच्चों का रेला गीत गाते निकला तो माहौल भक्तिमय हो उठा। एक स्वर में छठी मैया के गीत ‘कांच ही बांस क बहंगिया बहंगी लचकत जाए, हाेईं ना बलम जी कहरिया, बहंगी घाटे पहुंचाए... गीत कानों को प्रिय लग रहे थे। लोक पर्व से जुड़े इस तरह के गीतों ने ग्रामीण क्षेत्रों को भक्ति के रंग में डुबो दिया। व्रति पानी में खड़े होकर कुछ इस तरह इत्मीनान से सूर्यदेव के उगने का इंतजार कर रहे थे, जैसे उन्हें कोई जल्दबाजी ही न हो। जबकि घाट किनारे ठंड भी कम सितम नहीं ढा रहा था, लेकिन व्रतियों के चट्टानी इरादों के सामने उसकी एक न चली। इसके साथ ही इंतजार खत्म हुआ और सूर्यदेव की लालिमा नजर आते ही व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की। छठ मइया के गीत से पूजा घाट गूंज रहे थे।

समाजसेवी, जनप्रतिनिधी इत्यादि भी चार दिवसीय छठ महापर्व के भव्य समापन कराने में जुटे थे। तालाब किनारे पहुंचे लोगों के लिए चाय इत्यादि के इंतजाम में जूझते नजर आए। शहर में गौरीशंकर घाट,कदम घाट, सिधारी, राजघाट, गोदाम घाट, गायत्री मंदिर, मोदी घाट, बाग लखरांव इत्यादि स्थानों पर पूजा किए जा रहे थे। मोतीघाट पर कोलघाट के प्रधान विनोद यादव पूजा को भव्य रूप देने को विशेष इंतजाम किए थे।

फूलपुर में कुंवर नदी के पिपरहा घाट, नागा बाबा सरोवर आदि स्थानों पर लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर सुख-समृद्धि की कामना की। मेंहनगर नगर के लखरांव पोखरा, प्रभा पोखरा, निरंजन कुटी, मंडलेश्वर महादेव, वीरभानपुर आदि स्थानों पर अर्घ्य दिया गया। निजामाबाद में महिलाओं ने स्वजन के साथ तमसा नदी के विभिन्न घाटों और गांव के सरोवरों पर सूर्य को अर्घ्य दिया। बच्चों ने घाटों पर लगे मेले का आनंद लिया। माहुल में सिद्धपीठ काली चौरा पोखरे के किनारे विधि-विधान से पूजा कर व्रतियों ने परिवार की मंगल कामना की।

संजरपुर में शिव सरोवर छित्तूपट्टी पट्टी किनारे फूल मालाओं से सजावट की गई थी। बच्चों ने पूजा स्थल पर मेले का भी आनंद उठाया। पूजा स्थल पर पहुंचे थाना प्रभारी विवेक कुमार पांडेय ने छठ मइया का हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया। मेंहनगर में छठ पर्व पर नदी व सरोवरों के घाटों पर मेले जैसा दृश्य रहा। महिलाएं घाटों व सरोवरों पर मंगल गीत गाते पहुंचीं और पूजन के बाद अर्घ्यदान किया। सरायमीर में क्षेत्र के पवई लाडपुर, शाहपुर, पूर्वा, सुरही बुजुर्ग आदि स्थानों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आसपास के लोगों ने सजावट की थी। पोखरे में पानी अधिक होने के कारण वालंटियर आपातकाल के लिए तैनात थे। कई स्थानों पर पानी के बीच में छठ मइया की प्रतिमा लगाई गई थी। स्वयंसेवी चाय आदि की भी व्यवस्था किए हुए थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।