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सुबह से शाम तक धूप-छांव के खेल में दिनचर्या फेल

नया साल शुरू होने के बाद कड़ाके की ठंड से राहत मिलने की उ

By JagranEdited By: Updated: Fri, 29 Jan 2021 07:26 PM (IST)
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सुबह से शाम तक धूप-छांव के खेल में दिनचर्या फेल

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : नया साल शुरू होने के बाद कड़ाके की ठंड से राहत मिलने की उम्मीद पर पानी फिर रहा है। मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव के बीच कभी धूप तो कभी आसमान में बादल अभी भी लोगों पर भारी पड़ रही है। अभी एक दिन पहले हल्की धूप निकलने से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली लेकिन शुक्रवार को मौसम ने फिर पलटी मारी और सुबह से शाम तक धूप-छांव के बीच दिनचर्या प्रभावित रही। हल्की सी धूप देख जिन लोगों ने छत अथवा मैदान का रुख किया वह पछुआ हवा का झोंका देख कमरों में कैद हो गए।

सुबह से शाम तक शहर से बाहर इतना गहरा कोहरा था कि वाहनों की गति मंद पड़ जा रही थी। मौसम का जो हाल है उसमें दोपहिया वाहन से यात्रा काफी मुश्किल हो जा रही है। लोगों की दिनचर्या को मौसम ने पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। आम दिनों में शाम के बाद घरों में कैद होने वाले शुक्रवार को सुबह से ही घरों में कैद रहे। देर रात तक घर लौटने वाले रास्ते में अलाव देखकर राहत के लिए रुक जा रहे थे। सुबह के 10 बजे तक और रात के सात बजने के बाद सड़कों पर सन्नाटा जैसी स्थिति नजर आने लगी। एक दिन बाद माघी गणेश चौथ होने के बाद भी घरों की सफाई तो की गई लेकिन धुलाई करने की हिम्मत नहीं पड़ी। लोगों ने पोछा लगाकर काम चलाया। शुक्रवार को अचानक पारा लुढ़का और अधिकतम 18 व न्यूनतम आठ डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया, जबकि हवा की गति आठ से 13 किलोमीटर प्रति घंटे रही। पश्चिमी हवा के कारण ठंड रोज के दिनों से ज्यादा ही रही। हर कोई टोपी और मफलर के साथ दस्ताना लगाकर घूमते दिखा।

माहुल : नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में भीषण ठंड में अलाव नदारत है और यहां का नगर पंचायत प्रशासन मात्र कागजों में इसे जला रहा जिसके कारण लोग भीषण ठंड और गलन में ठिठुर रहे। कस्बे के दिलीप सिंह, सुजीत जायसवाल, महेंद्र विश्वकर्मा, विनय आदि ने अलाव जलवाने की मांग की है। वहीं अधिशासी अधिकारी दिनेश चंद्र आर्या का कहना है कि सभी स्थानों पर अलाव जलवाया जा रहा है। अगर कहीं नहीं जल रहा तो प्रबंध किया जाएगा।

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