हनुमान ने जलाई सोने की लंका, राम ने किया कुंभकर्ण का वध
- रामलीला - सुग्रीव व श्रीराम की मित्रता का किया गया मंचन - कुंभकर्ण के हमले से सहमी रही ब
- रामलीला
- सुग्रीव व श्रीराम की मित्रता का किया गया मंचन
- कुंभकर्ण के हमले से सहमी रही बानरी सेना
जागरण संवाददाता, अंबारी (आजमगढ़) : अंबारी में चल रही रामलीला के अंतिम दिन सोमवार की रात सीता की खोज, जटायु उद्धार व प्रभु श्रीराम द्वारा शबरी को भक्ति का ज्ञान, सुग्रीव मित्रता, लंका दहन, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ वध, कुंभकर्ण वध का मंचन बड़े ही मार्मिक ढंग से किया गया। भगवान की लीला के दौरान जय श्रीराम के जयकारे से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। रामलीला की शुरुआत श्रीराम व लक्ष्मण झांकी के साथ ही आरती से की गई। रामलीला मंचन में सीता हरण के बाद प्रभु श्रीराम द्वारा खोज किया जाता है। सीता के बिरह में लक्ष्मण के साथ प्रभु श्रीराम वन में खोजते व्याकुल होकर कहते हैं कि हे खग मृग, हे मधुकर श्रेनी, तुम देखी सीता मृग नैनी, से पूरा जंगल के जीव जंतु, पशु पक्षी सभी व्याकुल हो जाते हैं। सीता को खोजते हुए घायल जटायु को कराहते हुए देखते हैं। रावण द्वारा सीता के हरण की बात सुनकर राम व्याकुल हो जाते हैं। जटायु उद्धार के बाद शबरी को दर्शन देकर उसको भक्ति का ज्ञान देते हैं। उसके बाद प्रभु हनुमान का मिलन, सुग्रीव मित्रता, वानरी सेना द्वारा सीता की खोज, हनुमान द्वारा सीता खोज के दौरान अशोक वाटिका में माता सीता का दर्शन, अक्षय कुमार वध, लंका दहन का बड़े ही मार्मिक ढंग से मंचन किया गया। प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण व वानरी सेना द्वारा समुंद्र पर सेतु निर्माण कर लंका में प्रवेश, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ वध, कुंभकर्ण वध का मंचन देख दर्शक रोमांचित हो गए। इसमें कामेश्वर पांडेय, सत्यम पांडेय, दीपक पांडेय, सुधांशु पांडेय, संतोष पांडेय, चंकी पांडेय, त्रिलोकी नाथ चौबे, मुकेश, विशाला आदि लोग रहे। जनशक्ति रामलीला समिति मेले का आयोजन कर रही है। संचालन मारुति उपाध्याय ने किया।