MGNREGA आजमगढ़ बना यूपी का नंबर वन, करीब 2 लाख लोगों को मिला रोजगार; 100 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य पूरा
मनरेगा के तहत आजमगढ़ जिले ने मानव-दिवस सृजन में प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। यूपी के इस जिले में कुल 427366 पंजीकृत जाबकार्ड धारकों में से 283810 सक्रिय हैं और इस वित्तीय वर्ष में अब तक 6988754 मानव-दिवस का सृजन किया जा चुका है। 100 दिन के कार्य के लक्ष्य के सापेक्ष 2302 श्रमिकों को रोजगार मिला है।
संवाद सहयोगी, आजमगढ़। गांवों में गरीबों के लिए मनरेगा वरदान है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,83,780 मांग के सापेक्ष 100 प्रतिशत से अधिक 1,96,587 श्रमिकों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जबकि, 69,88,754 मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। लक्ष्य से अधिक मानव दिवस सृजन के कारण जिला प्रदेश में नंबर वन है।
जिले की 1811 ग्राम पंचायतों में मनरेगा से विभिन्न कार्य कराए जा रहे हैं, इनमें तालाब की खोदाई का कार्य प्रमुख है। मनरेगा से जहां गावों का समुचित विकास हो रहा है, वहीं एक बड़ी आबादी को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल 4,27,366 पंजीकृत जाबकार्ड धारक हैं, जिसमें 2,83,810 श्रमिक सक्रिय हैं।
कुल 1,83,780 श्रमिकों ने की गांव में रोजगार की मांग
इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 1,83,780 श्रमिकों ने गांव में रोजगार की मांग की, जिसके सापेक्ष 1,96,587 श्रमिकों रोजगार दिया जा चुका है। 100 दिन के कार्य का लक्ष्य 49,687 लक्ष्य था, जिसमें 2,302 श्रमिकों को 100 दिन का रोजगार मिला है। जबकि, 10,881 जाब कार्ड धारक 81 से 99 दिन तक ही कार्य कर सके।‘‘मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। जिन ग्राम पंचायतों में किसी कारण से कार्य नहीं चल रहा है, वहां तत्काल कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रतिदिन जूम मीटिंग और मासिक बैठक में एपीओ से रिपोर्ट ली जाती है।
-रामउदरेज यादव, डीसी मनरेगा।
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