Mukhtar Ansari: जब मजदूरों पर चली थी गोली , मुख्तार अंसारी को बनाया गया था आरोपी; आगरा जेल से किया गया था तलब
तरवां थाना के एराकला गांव में ठेकेदारी के वर्चस्व को लेकर छह फरवरी 2014 को सड़क निर्माण में लगे मजदूरों पर गोली चलाई गई थे। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई थी। घटना के लगभग छह महीने बाद विवेचना के दौरान मुख्तार अंसारी को इस हत्याकांड की साजिश रचने का आरोपित बनाया गया था। मुख्तार अंसारी के खिलाफ पैरवी को लेकर शासन ने गंभीर रुख अपनाया था।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। तरवां थाना के एराकला गांव में ठेकेदारी के वर्चस्व को लेकर छह फरवरी 2014 को सड़क निर्माण में लगे मजदूरों पर गोली चलाई गई थे। इस घटना में बिहार के गया निवासी मजदूर राम इकबाल की मौत हो गई थी।
घटना के लगभग छह महीने बाद विवेचना के दौरान मुख्तार अंसारी को इस हत्याकांड की साजिश रचने का आरोपित बनाया गया था। विवेचना अधिकारी संदीप सिंह के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट ने मुख्तार अंसारी को आगरा जेल से तलब किया। तब आगरा जेल से 22 नवंबर 2014 को कड़ी सुरक्षा में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया थे।
मुख्तार अंसारी को न्यायिक हिरासत में लिया गया
विवेचक की तरफ से पेश सारे कागजातों का अवलोकन करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को न्यायिक हिरासत में ले लिया। पुलिस से जांच आगे बढ़ते हुए पांच दिसंबर 2014 को मुख्तार के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया।मुख्तार अंसारी के खिलाफ पैरवी को लेकर गंभीर था शासन
मुख्तार अंसारी के खिलाफ पैरवी को लेकर शासन ने गंभीर रुख अपनाया था। पैरवी में कोई कमी ना रहे इसके लिए केवल शासकीय अधिवक्ताओं के भरोसे न रहकर विशेष अभियोजक के वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर सिंह को नियुक्त किया था। दिसंबर 2022 में लाल बहादुर सिंह के निधन के बाद मई 2023 में राधेश्याम मालवीय को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया।
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