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सपा का 'गढ़' ढहाने को विकास का ब्रह्मास्त्र चला गए PM मोदी, परिवारवाद-माफियावाद के मुद्दे पर विपक्ष पर जमकर बरसे

Lok Sabha Election 2024 वर्ष 1993 के बाद से सपा-बसपा के गढ़ के रूप में पहचान बनाने वाले जिले में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने करीब 25 मिनट के संबोधन में विकास के नाम पर जीत के लिए कई ब्रह्मास्त्र चलाए। 2022 के उपचुनाव में आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ की जीत को विकास की बुलंदियों का कारण बताया।

By Sudhir Tiwari Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 11 Mar 2024 08:03 AM (IST)
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सपा का 'गढ़' ढहाने को विकास का ब्रह्मास्त्र चला गए PM मोदी

सर्वेश कुमार मिश्र, आजमगढ़। वर्ष 1993 के बाद से सपा-बसपा के गढ़ के रूप में पहचान बनाने वाले जिले में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने करीब 25 मिनट के संबोधन में विकास के नाम पर जीत के लिए कई ब्रह्मास्त्र चलाए। 2022 के उपचुनाव में आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ की जीत को विकास की बुलंदियों का कारण बताया।

देश भर की कई परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण को भी उन्होंने गिनाया और कहा कि जिले के साथ प्रदेश की तस्वीर डबल इंजन की सरकार से बदल रही है। परिवारवादी राजनीति, माफियावाद के संरक्षण और कट्टरपंथी खतरों की चर्चा के साथ उन्होंने जिले के लोगों को यह अहसास कराने का प्रयास किया कि उनके लिए पूर्ववर्ती सरकारों ने कुछ नहीं किया। इसके लिए पीएम ने सीएम के उद्बोधन का भी जिक्र किया।

महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय की मांग को किया पूरा

पिछड़े जिलों को भी सभी सुविधाओं का हकदार बताते हुए जिस तरीके से पीएम ने अपनी सरकार द्वारा पिछड़े जिलों तक भी मैट्रो सुविधा पहुंचाने की बात कही उसका उद्देश्य लोगों को गहराई से जोड़ना था। महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय की मांग को पूरा ही नहीं किया, बल्कि समय से उसका निर्माण पूरा कराकर यहां के युवाओं के हित में काम से वह इस बाबत अपनी फिक्र को दर्शा गए।

पीएम ने कहा भी कि पहले यहां के लोगों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता था, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता था। अब इस विश्वविद्यालय में आजमगढ़ और मऊ के साथ अन्य जिलों के बच्चे भी पढ़ाई कर सकेंगे। यहां की पहचान निवेश और हाईवे से हो रही है। यहां के लोगों पर आस्था का अस्त्र चलाना भी प्रधानमंत्री नहीं भूले और कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर सदियों पुराना इंतजार भी अब खत्म हो गया है।

किसानों को लुभाने का किया प्रयास

किसानों को भी लुभाने का पूरा प्रयास किया और कहा कि हमने किसानों की उपज का उचित मूल्य दिया। पहले की सरकारों ने किसानों के बारे में नहीं सोचा। इसका नतीजा यह रहा कि गन्ना उत्पादन में किसानों की रुचि कम होती गईं और मिलें बंद होती गईं, लेकिन भाजपा की सरकार ने किसानों के बारे में सोचा। आठ लाख किसानों को दो हजार करोड़ रुपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान किया।

गन्ना किसानों को भुगतान के लिए पूर्व की सरकारें रुलाती रहीं, लेकिन हमारी सरकार ने न केवल हजारों करोड़ रुपये का भुगतान कराया, बल्कि गन्ना मूल्य आठ फीसद बढ़ाकर 315 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। आज पराली से बायोगैस और चीनी मिलों में एथनाल तैयार किया जा रहा है।

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