आजमगढ़ की हवाओं में भी बढ़े प्रदूषक तत्व, अधिकतम और न्यूनतम पारे में कमी से बढ़ गई ठंड
आजमगढ़ जिला भी इन दिनों वायु प्रदूषण की जद में आ चुका है। यहां की सर्द हो चली हवाओं में भी प्रदूषक तत्व बढ़ने के अलावा इन दिनों अधिकतम और न्यूनतम पारे में कमी से ठंड बढ़ गई है।
By Virendra Kumar YadavEdited By: Abhishek sharmaUpdated: Sun, 06 Nov 2022 10:59 AM (IST)
आजमगढ़, जागरण संवाददाता। Air Pollutants also increased in Azamgarh : प्रदूषित हवाओं के मचे शोर के बीच आजमगढ़ की हवाओं में भी जहरीले कणों की मात्रा बढ़ने लगी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले कणों की संख्या 196 तक जा पहुंची है। यह स्थिति और गंभीर हुई तो घरों से निकलना सेहत को संकट में डालने जैसा होगा। हालांकि पुरुआ हवा के बीच सुबह निकली धूप किसानी के लिए अनुकूल बनी हुई है। अन्नदाता धान की कटाई संग फसलों की बोआई में लग गए हैं।
वहीं तापमान अधिकतम तीस डिग्री के आसपास और न्यूनतम 18 डिग्री के इर्द गिर्द माह भर से बना हुआ है। मौसम का रुख बदलने पर ठंड में और भी इजाफा होना तय है। जबकि बादलों की सक्रियता के भी 24 घंटों में मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं। संभलकर निकलें टहलने : इन दिनों सड़कों पर टहलने वालों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में एक्यूआइ की मात्रा 196 तक जा पहुंचना खतरे की घंटी समझी जा रही है। हालांकि, 101 से 200 एक्यूआइ की मात्रा काे संतोषजनक ही कहा जाएगा। हालांकि, प्रशासन रोज प्रदूषण पर अंकुश को बैठकें कर रहा है। आदेश निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन अफसर उसे जमीन पर उतारने में असफल नजर आ रहे हैं।
खेती किसानी के अनुकूल मौसम: कृषि के जानकार कहते हैं कि वर्तमान मौसम किसानी के अनुकूल बना हुआ है। अन्नदाता धान की कटाई और मड़ाई में जी-जान से जुटे हैं। मौसम की इनायत यूं ही रही तो शीघ्र की कटाई और मड़ाई का काम निबट जाएगा। उसके बाद गेंहू की बोआई भी कर लेंगे। वर्तमान में चना, मटर, सरसों, आलू सहित सब्जियों की बोआई रफ्तार पकड़ी है।दीपावली के बाद बिगड़ी बात : दीपावली पर्व से पूर्व से ही हवाएं प्रदूषित होना शुरू थीं, जो अब भी बदस्तूर है। लोग दमा, बीपी, शुगर जैसी बीमारियों में चपेट में आ रहे हैं। इसका सुबूत अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। मंडलीय अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाली छह से सात सौ की भीड़ अब 1200 तक जा पहुंची है।
बोले डाक्टर : ‘ टहलने निकलें तो मास्क जरूर लगाना चाहिए। मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अभी ठंड की स्थिति सामान्य होने से लोग लापरवाही बरतते हैं, जो बीमारी की वजह बन रही है।’ - डा. सुभाष यादव, वरिष्ठ चिकित्सक।यह भी पढ़ें : Weather Report 6 November 2022 : वाराणसी में होने जा रही बादलों की सक्रियता, जानें कितनी होगी बारिश
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