इतिहास व इल्म का खजाना है शिब्ली एकेडमी
आजमगढ़ शिब्ली नेशनल महाविद्यालय में सोमवार को शिब्ली डे के अवसर पर प्रबंधक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि शिब्ली नोमानी नामक एक राष्ट्रवादी विद्वान व शिक्षाविद ने 1
By JagranEdited By: Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:08 AM (IST)
जासं, आजमगढ़ : शिब्ली नेशनल महाविद्यालय में सोमवार को शिब्ली डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रबंधक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि शिब्ली नोमानी ने 1883 में यहां आधुनिक शिक्षा अकादमी की स्थापना की। शिब्ली एकेडमी इतिहास एवं इल्म का खजाना है। मुल्क की आजादी के दौरान यह शहर और यहां बना शिब्ली नेशनल कालेज क्रांतिकारियों का मरकज भी रहा है। जिस वक्त में अंग्रेजों के खिलाफ कोई खुलकर बोल नहीं सकता था उस दौर में कालेज के नाम के साथ नेशनल शब्द जोड़ना अल्लामा शिब्ली नोमानी की दूरदर्शिता का परिचायक है।
उपाध्यक्ष अफसर गजनवी ने कहा कि अल्लामा शिब्ली नोमानी के नाम पर वर्ष 1914 में स्थापित शिब्ली एकेडमी में देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद, महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री व इंदिरा गांधी जैसी शख्सियतों द्वारा उर्दू में लिखे पत्र भी यहां मौजूद हैं। शिब्ली एकेडमी के स्कॉलर उमर सिद्धकी नदवी ने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन शिब्ली एकेडमी के प्रबंध समिति के सदस्य भी रहे। वैसे तो जिले में कई ऐसे इदारे हैं जिन्होंने ज्ञान संवर्धन के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है। प्रधानाचार्य निसार अहमद ने कहा कि आज ही के दिन वह चिराग बुझ गया जिसने पूरब में आजमगढ़ जैसे शहर में तालीम के लिए शिब्ली कालेज की स्थापना किया। प्रो. डा. अलाउद्दीन ने कहा कि अल्लामा शिब्ली नोमानी द्वारा स्थापित कालेज आज भी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में स्वर्णिम सफर तय कर रहा है। देश के ढेरों नामचीन लोगों ने यहां से तालीम ली है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के पूर्व प्रबंधक फैज अहमद की पुस्तक अल्लामा शिब्ली नोमानी की अल फारुक का हिदी अनुवाद का विमोचन किया गया। इस अवसर पर अल फारुक, प्राचार्य डा. मसूद अख्तर, पूर्व प्राचार्य डा. गयास असद खान, मोहम्मद हसीब असलम, अबूसाद मोहम्मद नोमान, शाह आबिद, डा. शफकत, अलाउद्दीन, डा. खालिद, डा.आजाद इस्लाही, डा. खालिद, शमीम, डा. एसजेड अली, कलीम अहमद, डा. बीके सिंह आदि उपस्थित थे।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।