Move to Jagran APP

आजमगढ़ में मौसम सुहाना, पारा और वायु गुणवत्ता सूचकांक में चार-चार अंकों का हो गया सुधार

आजमगढ़ जिले में मानसून के आने के बाद से ही मौसम सुहाना हो चला है। दूसरी ओर पारा और वायु गुणवत्ता सूचकांक में चार-चार अंकों का सुधार होने के साथ ही मानसूनी सक्रियता का रुख भी हो चला है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 02 Jul 2022 10:51 AM (IST)
Hero Image
आजमगढ़ में मौसम का रुख अब बेहतर हो चला है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिले में मौसम सुहाना हो गया है। पारा के 38 से घटकर 34 और वायु गुणवत्ता सूचकांक 25 से घटकर 21 होने के कारण ऐसा हुआ है। मौसम में बदलाव होने से पार्क और खेल के मैदान फिर से गुलजार नजर आने लगे हैं। रुक-रुककर ही सही, लेकिन बारिश होने से अन्नदाता खेतों का रुख कर लिए हैं। मौसम में सकारात्मक बदलाव से लोगों के चेहरे की खुशियां एक-दूसरे को सुकून देने वाली लग रहीं हैं। मौसम विज्ञानियों ने आने वाले सप्ताह में भी मौसम ऐसा ही रहने की संभावना जताई है।

बमुश्किल एक पखवाड़ा हुए होंगे जब पारे का रिकार्ड तोड़ना हर किसी को मुश्किल में डाल रहा था। परेशान लोगों की जुबा से एक ही बाेल फूट रहे थे, हे ईश्वर रहम करिए, ऐसे तो सभी जल जाएंगे। बहरहाल, ईश्वर ने रहम दिखाई भी मौसम में धीरे-धीरे ही बदलाव शुरू हुआ। सबकुछ अनुकूल हो गया। मानसून के दस्तक देने से पारा अपनी सामान्य स्थिति में आकर ठहर गया तो हवाओं में तैर रहे हानिकारक तत्व भी उड़न छू गए। बारिश के कारण डिमांड घटी तो बिजली की उपलब्धता से लोग रात में सुकून की नींद ले पा रहे हैं। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों से अटा पड़ा वीर कुंवर सिंह आंखों को सुकून देने वाला प्रतीत हो रहा है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति सुखदेव पहलवान स्टेडियम में नजर आ रही है। विशाल आकार फील्ड में क्रिकेट, बाक्सिंग, फुटबाल तो इनडोर कोर्ट में बच्चों को बैडमिंटन खेलते देखना वाकई सुखद लगता है।

सतर्क रहें भारी न पड़ जाए मस्ती : वरिष्ठ फ‍िजीशियन डा. राजनाथ सिंह का कहना है कि मौसम अनुकूल होने का आनंद जरूर लें, लेकिन यह ध्यान रखें कि बारिश अपने साथ दुश्वारियां भी लेकर आती हैं। संक्रामक बीमारियां पांव पसारने से बीमार पड़ने वालों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। इसलिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान जरूर रखें। भोजन से पूर्व हाथ को साबुन से साफ जरूर करें। इससे बैक्टीरिया इत्यादि के आपके शरीर में पहुंचने की आशंका कम रहेगी। घर के आस-पास भी सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। एहतियात न बरतने का ही असर है कि अस्पतालों में सर्दी, जुकाम, बुखार के अलावा उल्टी-दस्त पीड़ितों की संख्या में अचानक इजाफा होने लगा है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।