Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Badaun News: टॉयलेट में कक्षा एक की छात्रा से अश्लील हरकतें करने वाले दोषी को सात साल की सजा

Badaun Crime Update News महज पांच साल की उम्र में सफाईकर्मी बच्ची से अश्लील हरकत करता था। माता−पिता ने जब स्कूल से शिकायत की तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। कोर्ट ने मासूम से अश्लील हरकत करने वाले को सजा सुनाई है और उस पर अर्थदंड भी लगाया है साथ ही स्कूल पर भी टिप्पणी की है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 24 Jul 2024 09:02 AM (IST)
Hero Image
खबर में सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

जागरण संवाददाता, बदायूं। शहर के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल के शौचालय में सात वर्षीय छात्रा के साथ सफाई कर्मी द्वारा की गई अश्लील हरकत के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीपक यादव ने आरोपित को दोषी पाते हुए सात साल की सजा के साथ 20 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है।

न्यायाधीश ने जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को देने को कहा है। इसके साथ ही न्यायाधीश ने कहा कि इस घटना के बाद पीड़िता सदमे से गुजरी, शायद वह सामान्य जीवन भी न जी पाए। कोर्ट ने विद्यालय की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं।

कक्षा एक की छात्रा से की थी छेड़छाड़

अभियोजन पक्ष के अनुसार छह दिसंबर 2016 को शहर कोतवाली में एक महिला ने प्राथमिकी पंजीकृत कराई थी कि उनकी पांच वर्षीय बेटी कोतवाली क्षेत्र के एक स्कूल में कक्षा एक की छात्रा है। उनका आरोप था कि दो दिसंबर 2016 को जब बेटी स्कूल से लौटी तो उसने बताया कि स्कूल का सफाई कर्मचारी रमेश उसके पीछे पीछे बाथरूम में आता है। उसके साथ गलत हरकत करता है। उसके प्राइवेट पार्ट्स को छूता है।

उसने धमकी दी कि अगर यह बात किसी को बताई तो बाथरूम में बंद कर के जान से मार देगा। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन को इस घटना के बारे में बताया है। सीसीटीवी फुटेज में उनके आरोप सही साबित हुए हैं। विद्यालय प्रबंधन ने कार्रवाई करने की बात कही थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।

ये भी पढ़ेंः Agra News: हिमाचल पुलिस कैदी को देती है VIP ट्रीटमेंट! हाथों में हथकड़ी पकड़े ताजमहल दिखाने पहुंचे पुलिसकर्मी

पुलिस ने प्राथमिकी पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने सभी साक्ष्याें को एकत्र कर आरोपित रमेश के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। इसके बाद से मामला विचाराधीन था।

ये भी पढ़ेंः Delhi Lucknow Highway News: शुक्रवार शाम से दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर नहीं दौड़ेंगे भारी वाहन, निपटा लें दो दिन में काम

मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दीपक यादव ने पत्रावली पर साक्ष्यों का अवलोकन कर एडीजीसी अमोल जौहरी, वीरेंद्र सिंह वर्मा, प्रदीप भारती व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस को सुनने के बाद आरोपित रमेश को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

कोर्ट की टिप्पणी

न्यायधीश दीपक यादव ने निर्णय देते हुए कहा कि इस मामले में अबोध बालिका संपूर्ण घटनाक्रम में सदमे से गुजरी है। वह शायद अब सामान्य जीवन भी नहीं जी पाएगी। विद्यालय प्रबंध तंत्र जिसका प्रथम दायित्व विद्यालय आने वाले बच्चों की की सुरक्षा करना होता है, ने भी अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लिया और सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद न तो अभियुक्त के विरुद्ध कार्रवाई की और न ही सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराई।