ज्ञानवापी की तरह बदायूं की जामा मस्जिद का सर्वे कराने की अर्जी, जमीन पर पूर्व में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा
Badaun Jama Masjid वाराणसी में ज्ञानवापी की तरह बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी का भी वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग हुई है। मंगलवार को अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से इस संबंध में सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक) न्यायालय में अर्जी दी गई। इसके समर्थन में गजेटियर के साक्ष्य प्रस्तुत किए। अब इस प्रकरण पर छह जनवरी को सुनवाई होगी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 20 Dec 2023 07:59 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बदायूं। वाराणसी में ज्ञानवापी की तरह बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी का भी वैज्ञानिक सर्वे कराने की मांग हुई है। मंगलवार को अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से इस संबंध में सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक) न्यायालय में अर्जी दी गई। इसके समर्थन में गजेटियर के साक्ष्य प्रस्तुत किए। अब इस प्रकरण पर छह जनवरी को सुनवाई होगी।
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल ने पिछले वर्ष अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने दावा किया कि जामा मस्जिद शम्मी वाली भूमि पर पूर्व में नीलकंठ महादेव मंदिर था। बाद में मुस्लिम शासकों ने मंदिर क्षतिग्रस्त कर मस्जिद बना दी। मंदिर के अवशेष होने का तर्क देते हुए उन्होंने पूजा की अनुमति मांगी है।
मस्जिद की ओर से प्रार्थना पत्र खारिज करने की मांग
इस प्रकरण पर सुनवाई के दौरान जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, जिला प्रशासन, वक्फ बोर्ड, पुरातत्व विभाग अपना पक्ष रख चुका है। मस्जिद की ओर से प्रार्थना पत्र खारिज करने की मांग भी हो चुकी है।मंगलवार को भी अदालत में सुनवाई थी। इस दौरान हिंदू महासभा के अधिवक्ता वेदप्रकाश साहू ने वैज्ञानिक सर्वे की अर्जी भी लगा दी। उन्होंने बताया कि अपनी अर्जी के समर्थन में गजेटियर में उपलब्ध साक्ष्य लगाए हैं। अब याचिका पोषणीयता का इंतजार है।
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