Budaun: एक बार फिर याद आई 2014 की घटना, जब आम के पेड़ पर लटकती मिली थी दो चचेरी बहनों की लाश
Budaun उत्तर प्रदेश का बदायूं एक बार फिर से डबल मर्डर से दहल गया है। मंगलवार शाम को हेयर ड्रेसर साजिद ने छुरे से प्रहार कर आयुष और अहान की हत्या कर दी। इस पूरे मामले में साजिद का भाई जावेद भी शामिल था। एक बार फिर से बदायूं में ऐसी घटना हुई जिसने साल 2014 के मामले को याद दिला दिया।
डिजिटल डेस्क, बदायूं। उत्तर प्रदेश का बदायूं एक बार फिर से चर्चा में है। मंगलवार की रात को यहां से ऐसी खबर आई जिसने सभी को दहला दिया। बदायूं में रात को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक दूसरे धर्म के शख्स ने धारदार हथियार से तीन मासूम बच्चों पर हमला कर दिया। इस हमले में दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीसरा बच्चा गंभीर रूप से घायल है। इस हमले ने साल 2014 के उस मामले को याद दिला दिया है, जिसने पूरे देश को दहला दिया था।
वो साल था 2014। मई के महीने में यूपी के बदायूं में दो मासूम लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उन्हे आम के पेड़ से लटका दिया गया था। 27 मई 2014 को मौर्य समुदाय की दो चचेरी बहनों की लाशें पेड़ से लटकती मिली थी। पहले ये लड़कियां घर से गायब हो गई थी, परिवार वालों ने केस दर्ज कराया। पुलिस ले बताया कि मासूमों की लाशें तो आम के पेड़ पर लटकी हुई मिली हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
28 मई साल 2014 को ग्रामीणों ने लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बवाल किया। पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने रोक लिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे की मांग करते रहे। मामले ने पूरे देश को दहला दिया था। मामले को बढ़ता देख सात लोगों के खिलाफ एफआईआर लिखी गई। 29 मई को जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो सभी दावे सच साबित हुए। दोनों चचेरी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस पूरे मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।जब सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को पॉक्सो कोर्ट ने किया खारिज...
इस मामले की जांच अंत में सीबीआई ने की। सीबीआई ने को दुष्कर्म की संभावनाओं से इनकार करते हुए क्लोजर रिपोर्ट दायर की, लेकिन पॉक्सो कोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। बदायूं में हुए इस मामले की याद आज एक बार फिर आ गई।
बनी थी फिल्म 'आर्टिकल 15'
28 जून साल 2019 में बॉलीवुड की एक फिल्म आई थी जिसका नाम था 'आर्टिकल 15'। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में बदायूं की इस घटना को एक बार फिर से बड़े पर्दे पर दिखाया गया। इस फिल्म में जातिगत भेदभाव पर जोर दिया गया। अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने एक बार फिर से इस घटना को लोगों के जेहन में जीवंत कर दिया था।यह भी पढ़ें:
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