Badaun Double Murder: हाथ में कलावा बांधता था दो बच्चों का हत्यारा साजिद, जावेद ने पुलिस को बताई हत्या की वजह
मासूमों की हत्या के पीछे ऐसा शैतानी दिमाग था जिसमें दूसरों के बच्चों के प्रति नफरत भरी हुई थी। निकाह के चार वर्ष बाद भी बेऔलाद साजिद दूसरों के आंगन में खुशी नहीं देख पा रहा था। मंगलवार को उसने बाजार से मीट काटने वाला बड़ा छुरा खरीदा और मासूम आयुष व अहान की गर्दन काट दी। घटना में शामिल भाई जावेद उसकी हिंसक प्रवृत्ति के बारे में जानता था।
जागरण संवाददाता, बदायूं। दो मासूमों की हत्या के पीछे ऐसा शैतानी दिमाग था, जिसमें दूसरों के बच्चों के प्रति नफरत भरी हुई थी। निकाह के चार वर्ष बाद भी बेऔलाद साजिद दूसरों के आंगन में खुशी नहीं देख पा रहा था। मंगलवार को उसने बाजार से मीट काटने वाला बड़ा छुरा खरीदा और मासूम आयुष व अहान की गर्दन काट दी। घटना में शामिल भाई जावेद उसकी हिंसक प्रवृत्ति के बारे में जानता था।
गुरुवार को उसका पुलिस से सामना हुआ तो वह सच बयां करता चला गया। यह भी बताया कि साजिद दरगाह व मजारों के फेर में पड़ा हुआ था। इससे पहले, जावेद ने एनकाउंटर से बचने के लिए नाटकीय घटनाक्रम किया। सुबह चार बजे वह बरेली के सेटेलाइट बस स्टैंड पहुंचा। एक आटो वाले से "मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला" की तरह कहा कि मैं जावेद हूं, बदायूं वाला...मुझे समर्पण करना है इसलिए थाने ले चलो।
दूसरी ओर, आयुष-अहान के पिता विनोद ने कहा कि यह झूठी कहानी है, यदि सही राजफाश नहीं हुआ तो परिवार समेत आत्महत्या कर लेंगे। हत्याकांड से पहले और बाद में साजिद किसी से फोन पर बात कर रहा था। उसने किसी के इशारे पर हत्याकांड किया है।
एसएसपी ने बताया पूरा घटनाक्रम
बाबा कालोनी में रहने वाले विनोद सिंह के बेटों आयुष व अहान हत्याकांड के बाद कारण नहीं पता चल रहा था। गुरुवार सुबह को जावेद से आठ घंटे पूछताछ के आधार पर एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने पूरा घटनाक्रम मीडिया को सिलसिलेवार बताया। बोले, साजिद को बचपन से दौरे पड़ते, जिस कारण हिंसक हो जाता। वह 10 वर्ष का था, जब स्वजन ने काफी समय दरगाह पर भी रखा। उसका अधिकतर समय दरगाह, मजारों व पीरों के बीच बीतता था।
मानसिक रूप से परेशान होने के कारण दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका था। इस बीच निकाह के चार वर्ष बाद भी वह पिता नहीं बन सका तो दूसरों के बच्चों से नफरत करने लगा। साजिद की पत्नी शना के तीन बच्चे गर्भ में और एक पैदा होते ही मर गया था। इसी सनक में उसने मंगलवार को मौका देखा कि विनोद के घर में तीनों बच्चों के साथ सिर्फ दो महिलाएं हैं। वह बाजार से मीट काटने वाला छुरा खरीदकर लाया, फिर जावेद से कहा कि विनोद के घर कुछ काम है।
जावेद का कहना है कि साजिद विनोद के घर गया, जबकि वह दरवाजे पर इंतजार कर रहा था। कुछ देर बाद वह खून से सना हुआ बाहर आया तब हत्या के बारे में पता चला। वहां से भागकर दोनों अलग हो गए। उसी रात साजिद एनकाउंटर में मारा गया जबकि जावेद दिल्ली चला गया। मुकदमे में दोनों को नामजद किया गया था। पुलिस का कहना है कि घटना वाले दिन भी साजिद को दौरा पड़ा था, इसलिए डाक्टर के पास गया। उसने जिस दुकान से छुरा खरीदा, उसकी पहचान भी कर ली गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।