BSA से प्रधानाध्यापक ने कहा- SDM और तहसीलदार को करा दिया टाइट, आप क्या चीज हैं; तुरंत हो गया सस्पेंड
Badaun News | UP News | बदायूं के दहगवां क्षेत्र में बीएसए के निरीक्षण के दौरान उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और बीएसए के बीच विवाद हो गया। प्रधानाध्यापक पर विद्यालय में अनियमितताएं बरतने और असहयोग करने का आरोप है। बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया क्योंकि उन्होंने रसोई में अनपैक्ड मसाले पाए और अन्य आरोपों के चलते कार्रवाई की।
जागरण संवाददाता, बदायूं। दहगवां क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को बीएसए वीरेंद्र कुमार निरीक्षण करने गए थे। वहां उन्हें अव्यवस्थाएं मिली। प्रधानाध्यापक से सवाल जवाब किया तो प्रधानाध्यापक भड़क गए।
उसने कहा निलंबित कर दीजिए, मैं कल ही इस्तीफा देकर विद्यालय नहीं आउंगा। मैने तहसीलदार और एसडीएम की शिकायत कर उन्हें टाइट कर दिया, आप क्या चीज हैं। असहयोग करने पर बीएसए बिना निरीक्षण पूर्ण किए लौट आए। इसके बाद शनिवार देर शाम बीएसए ने प्रधानाध्यापक गिरीश कुमार को निलंबन कर दिया।
निलंबन के आदेश में बीएसए ने बताया शुक्रवार को सुबह 9:45 पर उच्च प्राथमिक विद्यालय विजयगढ़ी का निरीक्षण करने गए थे। रसोई घर का निरीक्षण करने पर पाया गया कि पीएम पोषण योजना के अंतर्गत बच्चों के लिए तैयार किया जाने वाला भोजन में मसाले प्रयोग में जो लाए जा रहे थे वह अनपैक्ड थे।
नियम है कि ब्रांडेड मसाले का प्रयोग किया जाए। निरीक्षण के समय विद्यालय के प्रधानाध्यापक गिरीश कुमार से शैक्षिक गुणवत्ता एवं विद्यालय में स्थापित व्यवस्थाओं एवं विभागीय योजनाओं के संचालन के संबंध में जानकारी की तो उनके द्वारा अभद्र स्वभाव अपनाते हुए अनर्गल वार्तालाप किया गया।
उनके द्वारा आउट ऑफ स्कूल के अंतर्गत पोर्टल पर चिन्हित 19 बच्चों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किए जाने को विभाग द्वारा आवंटित धनराशि के सापेक्ष धनराशि का समय से उपभोग नहीं किया गया। जिस कारण समस्त धनराशि लैप्स हो गई। इससे उस वर्ग के बच्चे विशेष प्रशिक्षण से वंचित रहे।
विद्यालय में स्थापित ईको क्लब हेतु निर्धारित सहायक सामग्री निरीक्षण के समय उपलब्ध नहीं पाई गई। जबकि विद्यालय को इस मद की धनराशि पूर्व में ही आवंटित की जा चुकी है। जबकि प्रधानाध्यापक द्वारा यह धनराशि आहरित की जा चुकी है।
इसके अलावा कंपोजिट ग्रांट की धनराशि के उपभोग के उपरांत संबंधित बिल वाउचर विद्यालय प्रबंध समिति से सत्यापित नहीं कराए गए। बताया वह विभागीय नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। वहीं शिक्षक डायरी मांगने पर उनके द्वारा अनुशासनहीनता पूर्वक व्यवहार करते हुए शिक्षक डायरी देने से मना कर दिया गया।
मौखिक रूप से बच्चों को पढ़ाई जाने वाले विषयों के संबंध में प्रश्न किए गए उनके द्वारा उत्तर न देते हुए अनर्गल तर्क वितर्क किया गया और कहा गया मुझे पता है मैं नहीं बताऊंगा। बताया कि निरीक्षण के समय वह घेरा बनाए हुए बैठे पाए गए थे। जबकि समय सारणी के अनुसार उनके कक्ष में पढ़ाई जाने का समय था। पूछने पर उनके द्वारा बताया गया वह ग्रुप डिस्कशन कर रहे हैं।
इस दौरान प्रधानाध्यापक द्वारा उग्रतापूर्वक व्यवहार किया गया। बोला गया जो करना हो वह कर लीजिए मेरा निलंबन कर दीजिए मैं आज से इस्तीफा देकर विद्यालय नहीं आऊंगा। मैंने तो एसडीएम एवं तहसीलदार के खिलाफ भी शिकायत करके उन्हें टाइट कर दिया आप क्या चीज हैं।
बताया निरीक्षण में प्रधानाध्यापक द्वारा सहयोग नहीं किया गया इससे उन्हें बिना निरीक्षण पूर्ण किए ही विद्यालय से वापस जाना पड़ा जिससे शासकीय विवाह की कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई उन्होंने आचरण नियमावली का हवाला देते हुए शिक्षक को निलंबित करने की कार्रवाई की है।
निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक लगातार असहयोग कर रहा था। अभद्रता कर रहा था। अनुशासनहीनता की गई। कई तरह की अनियमितताएं भी मिली थीं। इसीलिए प्रधानाध्यापक को निलंबित किया गया है।
- वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
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