बदायूं में कर्ज चुकाने को घोंटा दोस्त का गला, पहचान छिपाने के लिए तेजाब से जलाया; ईंट मारने के बाद पूछा पासवर्ड
आरोपित ने बताया कि बियर पिलाने के बाद उसके सिर पर ईंट मारी फिर गला घोंट कर मार डाला। पहचान छिपाने के लिए पूरे शरीर पर तेजाब डाल दिया। उसे यह भी शक था कि गोपाल का उसकी भांजी से प्रेम प्रसंग है। इसके चलते भी वह उससे चिढ़ता था। मोबाइल तेजाब लाने वाली कैन ईंट आदि बरामद कर पुलिस उसे जेल भेज दिया।
जागरण संवाददाता, बदायूं। जंगल में 13 सितंबर को मिला कंकालनुमा शव वहीं के रहने वाले इंटरमीडिएट के छात्र गोपाल का ही था। उसकी हत्या उसके दोस्त सचिन श्रीवास्तव ने अपना कर्ज चुकाने के लिए की थी।
सचिन को पता था कि गोपाल के खाते में रुपये हैं, जो मोबाइल के जरिए वह निकाल सकता है। हत्या के बाद उसने गोपाल का मोबाइल इस्तेमाल किया। रुपये निकालने की भी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका। हत्या के बाद गोपाल के ही मोबाइल के नेट से हॉटस्पाट कनेक्ट कर अपना मोबाइल चला रहा था। कंकाल मिलने के बाद से ही पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी, लेकिन वह कुबूल नहीं रहा था। लेकिन जैसे ही हॉटस्पाट की कड़ी जुड़ी, वैसे ही आरोपित ने हत्या करना कुबूल कर लिया।
इंटरमीडिएट का छात्र था
गांव लभारी निवासी गोपाल श्रीवास्तव क्षेत्र के ही एक कॉलेज में इंटरमीडिएट का छात्र था। वह आठ सितंबर को लापता था। स्वजन के तलाशने पर जब वह नहीं मिला तो नौ सितंबर को कादरचौक थाने में गुमशुदगी पंजीकृत कराई गई। स्वजन और पुलिस गोपाल की तलाश कर रहे थे कि 13 सितंबर को गांव लभारी के पास जंगल में एक कंकालनुमा शव मिला। उस कंकाल का दाहिना हाथ और पैर के निचले पर ही मांस शेष बचा था। हाथ में कलावा देख गोपाल के भाई ने उसकी पहचान की थी। उन्होंने गांव के ही रहने वाले सचिन श्रीवास्तव पर हत्या करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने 13 सितम्बर को ही सचिन को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी
पुलिस 13 सितंबर से ही सचिन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। लेकिन पुलिस को आशंका थी कि ऐसा न हो कि शव किसी और का हो। इसके चलते उसकी हड्डी सुरक्षित कर स्वजन का सैंपल लेकर डीएनए परीक्षण के लिए भी भेजा गया था। लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी पुलिस को समझ आने लगा कि शव गोपाल का ही है। इस पर घटना स्थल की गहनता से पड़ताल की गई तो वहां गोपाल के कुछ कपड़े, घर की चाबी और बाल के अवशेष मिले। अब पुलिस को यह पता था कि शव गोपाल का ही है और उसे अंतिम बार सचिन के साथ ही देखा गया।
एसएसपी ने एसओटी और सर्विलांस टीम को लगाया
ऐसे में सचिन से पूछताछ चलती रही, लेकिन वह गुमराह करता रहा। जब पूछताछ में कुछ हासिल नहीं हुआ तो एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने एसओजी और सर्विलांस टीम को इसमें लगाया। सर्विलांस की जांच में पता चला कि गोपाल की मृत्यु के बाद भी उसका मोबाइल एक्टिव था। सर्विलांस टीम ने जब खंगालना शुरू किया तो एक युवती का नंबर और सचिन का नंबर से ही बार बार गोपाल की बातचीत हुई थी।
हॉटस्पाट से कनेक्ट हुआ मोबाइल
इसी बीच पता चला कि गोपाल के इंटरनेट से हॉटस्पाट के जरिए एक और मोबाइल कनेक्ट हुआ था। उस मोबाइल की जांच में वह नंबर सचिन का निकल आया। यहीं से पूरा मामला खुल गया। जब सचिन के सामने सभी तथ्य रखे गए तो वह टूट गया। इसके बाद सारी बातें साफ हो गईं और पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
हत्या के राजफाश में कादरचौक थानाध्यक्ष उदयवीर सिंह, एसओजी प्रभारी नीरज कुमार, सर्विलांस प्रभारी धर्वेंद्र कुमार सिंह समेत अन्य कर्मी रहे। एसएसपी ने उन्हें 20 हजार रुपये ईनाम देने की भी घोषणा की है।
ईंट मारने के बाद गोपाल से पूछा पासवर्ड
हत्या का राजफाश करते हुए एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि हत्यारोपित सचिन दिल्ली में रहता था। वहीं काम करता था। वहां उस पर कई लोगों का कर्ज हो गया था। गांव के भी कुछ लोगों के रुपये उसे देने थे। इस बीच उसे शक हुआ कि गोपाल का उसकी भांजी के साथ प्रेम प्रसंग है। इसके बाद से गोपाल से चिढ़ने लगा। लेकिन उसे पता था कि गोपाल के पास रुपये रहते हैं। इसीलिए उसने गोपाल से दोस्ती कर ली। गोपाल के साथ ही दिन भर रहता था। इस घटना से पांच दिन पहले ही उसने हत्या का षड़यंत्र रच लिया था।
घटना वाले दिन बियर पिलाकर छोड़ा घर
जिस दिन उसने हत्या की उस दिन दो बार उसने गोपाल को बियर पिलाई थी। एक बार वह घर छोड़ आया था। बाद में चुपके से बुलाया और तब फिर बीयर पिलाकर पहले उसे ईंट मारी। जमीन पर गिरने के बाद उससे मोबाइल और गूगल पे का पासवर्ड पूछा। फिर गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद वह शव को वहीं छिपा गया और फिर बाजार गया। जहां से उसने तेजाब की दो कैन खरीदी और वापस जाकर उसके चेहरे पर तेजाब डाल कर घर चला गया। वह तीन दिन तक गुमराह करता रहा लेकिन हाटस्पाट कनेक्ट कर वह गलती कर गया और पकड़ा गया।
वेलडन सचिन...ऐसे ही मन लगाकर काम करो
मंगलवार को एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने इस हत्याकांड का राजफाश किया। जब उन्होंने एसओजी प्रभारी नीरज मलिक से कहा कि बढ़िया मेहनत की जो यह मामला खुल गया। पूछा कि तुम्हारी टीम में किसका काम है ये। तो प्रभारी समेत पूरी टीम ने हेड कांस्टेबल सचिन झा का नाम लेते हुए उसे आगे कर दिया। एसएसपी ने भी आगे बढ़कर हेडकांस्टेबल से हाथ मिलाया और कहा कि वेलडन सचिन ऐसे ही मन लगाकर काम करो। एसएसपी ने उनके लिए ढाई हजार रुपये ईनाम की भी घोषणा की।
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बाद में कादरचौक थानाध्यक्ष उदयवीर सिंह से पूछा कि तुम्हारी टीम में किसने काम किया, इस पर थानाध्यक्ष ने उपनिरीक्षक वारिश खान का नाम लेकर उन्हें आगे कर दिया। एसएसपी ने उन्हें भी बधाई देकर पूरी टीम का हौसला बढ़ाया।