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Lok Sabha Election 2024: यूपी की इन सीटों पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में बसपा, बीजेपी के टिकट पर है मायावती की नजर

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा की गतिविधियां तो धरातल पर दिख रही हैं लेकिन बसपा अंदरखाने में बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रही है। बदायूं और आंवला सीट पर सपा से असंतुष्ट नेताओं को लाकर चुनाव मैदान में उतारने की जुगत में लगी है। बदायूं और आंवला सीट पर सपा से असंतुष्ट नेताओं को लाकर चुनाव मैदान में उतारने की जुगत में लगी है।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Tue, 05 Mar 2024 02:48 PM (IST)
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इन सीटों पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में बसपा

जागरण संवाददाता, बदायूं। लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा की गतिविधियां तो धरातल पर दिख रही हैं, लेकिन बसपा अंदरखाने में बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रही है। रुहेलखंड मंडल के प्रमुख पदाधिकारियों को बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ बुलाकर दिशा निर्देश दिए हैं। सभी सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों का चयन कर जल्द टिकट की घोषणा करवाने के लिए कहा है।

बदायूं और आंवला सीट पर सपा से असंतुष्ट नेताओं को लाकर चुनाव मैदान में उतारने की जुगत में लगी है। मंडल कोऑर्डिनेटर विपक्षी दलों के मजबूत नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन से बसपा का तालमेल अभी तक नहीं बैठ पाया है।

भाजपा के टिकट पर निगाह लगाए है बसपा

बसपा प्रमुख यह बात दोहरा चुकी हैं कि पार्टी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। मंडल स्तरीय पदाधिकारी खामोशी से कैडर कैंपों का आयोजन कर संगठन को मजबूत कर रहे हैं। भाजपा और सपा के टिकट घोषित होने लगे हैं, लेकिन बसपा अभी भाजपा के टिकट पर निगाह लगाए हुए है।

दमदार उम्मीदवार उतारने की है तैयारी

परंपरागत वोट बैंक को सहेजने के लिए विधानसभावार कैडर कैंप के माध्यम से वोटरों को एकजुट किया जा रहा है। किस रीति-नीति पर चुनाव में आगे बढ़ना है कि यह समझाने के लिए मंडल स्तरीय पदाधिकारियों को पार्टी प्रमुख ने लखनऊ बुलाया था। बताते हैं कि पदाधिकारियों को हर सीट पर दमदार उम्मीदवार मैदान में उतारने के निर्देश मिले हैं।

बदायूं संसदीय सीट पर बसपा खाता नहीं खोल सकी, लेकिन पिछले चुनावों में त्रिकोणीय संघर्ष में सफल होती आ रही है। 2019 के चुनाव में बसपा का सपा से गठबंधन हुआ था, लेकिन कांग्रेस ने गठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था और अरसे बाद भाजपा यहां जीत गई थी।

ऐसे थे पिछले परिणाम

वर्ष 2014 के चुनाव में बसपा उम्मीदवार को यहां 1,56,973 वोट मिले थे। सपा जीती थी और भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी, लेकिन बसपा त्रिकोणीय लड़ाई में बनी रही। 2009 के चुनाव में भी सपा जीती थी, लेकिन बसपा 2,01,202 वोट लेकर रनर रही थी। कांग्रेस तीसरे जबकि भाजपा चौथे स्थान पर रही थी। राजनीतिक परिस्थितियां बदल चुकी हैं, लेकिन बसपा अगर मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतार देती है तो भाजपा और सपा दोनों दलों के समीकरण बिगड़ सकते हैं।

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