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Badaun Lok Sabha Seat: बदायूं के रण में कैसे कटा सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट, कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य, पढ़िए यहां

Badaun Lok Sabha Election News In Hindi भाजपा ने वर्तमान सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर स्थानीय नेता दुर्विजय सिंह शाक्य को बदायूं से उम्मीदवार बनाया है। अब सपा के राष्ट्रीय महासचिव के मुकाबला भाजपा ने मैदान में उतारा क्षेत्रीय अध्यक्ष। स्थानीय होने का लाभ उन्हें दिया गया है। संघमित्रा के पिता द्वारा की बयानबाजी और राजनीतिक पार्टी बनाने के बाद उनकी टिकट कटने की बात चल रही थी।

By Kamlesh Kumar Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 25 Mar 2024 09:33 PM (IST)
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Lok Sabha Election: सांसद संघमित्रा का टिकट कटा, दुर्विजय सिंह शाक्य भाजपा के उम्मीदवार
जागरण संवाददाता, बदायूं। लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भाजपा के टिकट का इंतजार होली की पूर्व संध्या पर खत्म हो गया। सांसद डा.संघमित्रा मौर्य का टिकट काटकर दुर्विजय सिंह शाक्य को पार्टी ने मैदान में उतारा है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के मुकाबले में भाजपा ने अपने क्षेत्रीय अध्यक्ष ब्रज प्रांत पर दांव लगाया है।

जिला प्रशासन ने चुनाव की तैयारी को तेज कर दिया है। सपा ने टिकट पहले ही घोषित कर दिया है, लेकिन भाजपा का टिकट घोषित न होने से चुनावी सरगर्मी शुरू नहीं हो पा रही थी।

चार दिनों में बदला राजनीतिक माहौल

वर्तमान में बदायूं सीट पर भाजपा की डा.संघमित्रा मौर्य सांसद हैं। कुछ दिनों पहले तक इन्हें ही दोबारा मैदान में उतारने की बात चल रही थी, लेकिन पिछले चार दिनों से राजनीतिक माहौल बदला-बदला दिखाई दे रहा है। भाजपा में अंदर से छनकर बातें सामने आने लगी थीं कि इनका टिकट कट जाएगा। इसके पीछे कारण यह था कि इनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे। जब वह सपा से कुशीनगर में चुनाव लड़ रहे थे तब संघमित्रा मौर्य भाजपा में रहते हुए उनके चुनाव प्रचार में पहुंची थीं। हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गई थी।

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पार्टी नेताओं से मिली थीं संघमित्रा

पिछले दिनों संघमित्रा की मुलाकात पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से हुई थी, तब से वह अपने टिकट को लेकर आश्वस्त दिखने लगी थीं, लेकिन सामने शिवपाल सिंह यादव के आ जाने से पार्टी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती थी, इसलिए दुर्विजय सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतार दिया है। वह बदायूं के रहने वाले हैं, उनका घर दातागंज विधानसभा क्षेत्र में है जो आंवला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बरेली में वह रहते हैं इसलिए बरेली सीट पर भी दखल है। इसलिए वह बदायूं के साथ आंवला और बरेली सीट पर भी अपना प्रभाव रखते हैं।

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बदायूं के रहने वाले हैं दुर्विजय सिंह शाक्य

दुर्विजय सिंह शाक्य बदायूं के रहने वाले हैं। वह समरेर ब्लाक के ब्राह्मपुर गांव के मूल निवासी हैं। पांच भाई व तीन बहानें में वह भाइयों में सबसे छोटे हैं। गांव में पांचवी तक पढ़ाई पूरी की उसके बाद वे हायर एजूकेशन के लिए बरेली चले गए, उन्होंने उच्चस्तरीय शिक्षा बीएससी, बीएड, एमए, ला की डिग्री, पीजी डिप्लोमा मास कम्युनेशन से प्राप्त किया।

दुर्विजय सिंह शाक्य बरेली के विशप मंडल इंटर कालेज में शिक्षक हैं। उन्होंने अंतर्जातीय विवाह पंजाबी समुदाय की बरेली निवासी मोना भाटिया से किया, वह भी उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। वह 1994 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने। 1995 में विद्यार्थी जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति और सामाजिक जीवन की शुरुआत की।

1995 में सबसे पहले बरेली कालेज इकाई के सहमंत्री बने। 1997 में बरेली में विद्यार्थी परिषद में महानगर महामंत्री, महानगर उपाध्यक्ष, विभाग संयोजक और प्रदेश सह मंत्री भी रहे। 2001 में शाहजहांपुर में विद्यार्थी परिषद के विस्तारक के रूप में कार्य संभाला। 2002 से विद्यार्थी परिषद में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में मुरादाबाद-रामपुर विभाग के संगठन मंत्री का दायित्व संभाला।

2002 राम मंदिर आंदोलन के शिला पूजन कार्यक्रम के दौरान गिरफ्तार हुए और 14 दिन जेल में रहे। 2007 में उसहैत विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए कहा और वह तैयारी के लिए क्षेत्र में आए उसके बाद उसहैत विधानसभा सीट गठबंधन में चले जाने के कारण चुनाव नहीं लड़े।

2007 में भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने। 2012 में प्रदेश सह संयोजक पिछड़ा प्रकोष्ठ भाजपा बने। 2014 में पांचाल क्षेत्र के उपाध्यक्ष बने। 2016 में ब्रज क्षेत्र के महामंत्री और 2020 उपाध्यक्ष बने। 2023 से वह क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं।

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